73 हजार करोड़ बालों का बाजार: कचरा नहीं, कमाई का जरिया

त्योहारों के मौसम में बालों की कीमतें बढ़ गई हैं! झड़े हुए बाल अब कचरा नहीं, कमाई का ज़रिया बन गए हैं। महिलाएं बाल जमा कर बेच रही हैं और व्यापारी अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं।

नई दिल्ली. त्योहार आते ही फल, सब्ज़ी, फूलों के दाम बढ़ना आपने सुना होगा। लेकिन अब ज़रूरत की चीज़ों के साथ-साथ बालों की कीमत भी बढ़ गई है। त्योहारों के समय बालों की कीमत बढ़ गई है, यह सुनकर आपको यकीन करना पड़ेगा। अब तक 2500 रुपये प्रति किलो बिकने वाले बालों की कीमत 3000 रुपये तक पहुँच गई है। यह बाल बेचने वालों और खरीदने वालों के लिए बंपर ऑफर जैसा है। पहले महिलाएं झड़े हुए बालों को कचरे में फेंक देती थीं। लेकिन अब वे इसे जमा करके रखती हैं। इससे पर्यावरण की भी रक्षा होती है और महिलाओं को थोड़ी-बहुत कमाई भी हो जाती है। 

झड़े हुए बालों से हजारों कमा रहीं महिलाएं

भारत में बालों का व्यापार तेज़ी से बढ़ रहा है। "बाल है क्या, बाल" कहकर गली-गली घराने वालों को मामूली मत समझिए। वे हर महीने हज़ारों रुपये कमाते हैं। इसकी वजह है बालों की बढ़ती कीमत। बाल झड़ने से परेशान रहने वाली कुछ महिलाएं अब इसे कमाई का ज़रिया बना रही हैं। रोज़ झड़ने वाले बालों को जमा करके वे हफ़्ते या महीने में बेच देती हैं।  

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बालों को बेचने पर पैसे या बर्तन भी मिलता है

बाल खरीदने वाले व्यापारी देश के कोने-कोने तक पहुँचते हैं। वे बालों का वज़न देखकर उसके हिसाब से पैसे देते हैं। कुछ लोग बालों के बदले बर्तन भी देते हैं। महिलाओं को जो पसंद हो, वे ले सकती हैं। बाल जमा करने वाली महिलाएं, खरीदारों के आने पर उन्हें बाल दे देती हैं। ज़रूरत पड़ने पर बर्तन या पैसे ले लेती हैं। कुछ महिलाएं खरीदारों का नंबर रख लेती हैं और बाल जमा होने पर उन्हें फ़ोन करके बेच देती हैं। बाल खरीदने वाले व्यापारी उन्हें बड़े बाज़ार में बेचकर अच्छा मुनाफ़ा कमाते हैं।

छोटे शहर से हर महीने निकलता है 1500 किलो बाल

एक छोटे से शहर में ही हर महीने 1500 किलो से ज़्यादा बाल जमा हो जाते हैं। इन्हें मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भेजा जाता है। वहाँ इन्हें प्रोसेस करके अलग-अलग चीज़ें बनाई जाती हैं। विग समेत बालों से जुड़ी कई चीज़ें बनती हैं, जिनकी अच्छी माँग है। चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, बर्मा और यूरोप में भारतीय वर्जिन और रेमी हेयर की अच्छी माँग है। कस्टमाइज़्ड विग की भी खूब बिक्री होती है। चीन, इंसानी बाल खरीदने वाले देशों में सबसे आगे है।  

2023 में 73 हजार करोड़ का था बालों का बाजार

लंबे और छोटे बालों की कीमत और माँग अलग-अलग होती है। भारतीय बालों की विदेशों में ज़्यादा माँग की वजह है उनकी शुद्धता। इनमें किसी तरह का केमिकल नहीं होता। 2023 में बालों का बाज़ार 73 हज़ार करोड़ का हो गया था। इस साल यह और बढ़ने की उम्मीद है। बालों का बाज़ार इतना बड़ा हो गया है कि नकली बालों की बिक्री भी बढ़ गई है। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा बलों ने नकली बाल बेचने वालों को गिरफ़्तार किया था।  

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