MPC की बैठक 5 अप्रैल से, कोरोना संकट की वजह से मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं

वित्त वर्ष 2021-22 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की पहली बैठक 5 अप्रैल से शुरू होगी। जानकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के फैसलों की जानकारी 7 अप्रैल को दी जाएगी।

Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2021 12:22 PM IST / Updated: Mar 28 2021, 05:55 PM IST

बिजनेस डेस्क। वित्त वर्ष 2021-22 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की पहली बैठक 5 अप्रैल से शुरू होगी। जानकारी के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के फैसलों की जानकारी 7 अप्रैल को दी जाएगी। आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नीतिगत दरों को पहले की तरह ही रख सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौद्रिक नीति समिति की इस बैठक में नीतिगत दरों में बदलाव किए जाने की संभावना कम ही है।

फरवरी में हुई थी पिछली बैठक
बता दें कि इससे पहले मौद्रिक नीति समिति (MPC) की पिछली बैठक फरवरी 2021 में हुई थी। 5 फरवरी को हुई इस बैठक में भी रेपो रेट (Repo Rate) में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया था। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस बार भी रिजर्व बैंक एकोमोडेटिव पॉलिसी स्टांस (Accommodative Policy Stance) को पहले की तरह बनाए रख सकता है। रिजर्व बैंक को ग्रोथ को बढ़ाने के लिए मौके का इंतजार करना होगा।

रेपो रेट में बदवाल की संभावना नहीं
आर्थिक मामलों के कई जानकारों का कहना है कि रिजर्व बैंक रेपो रेट में बदलाव नहीं करेगा। एनरॉक प्रॉपर्टी कन्सल्टेंट के चेयरमैन अरुण पुरी का कहना है कि उपभोक्ता महंगाई में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। फरवरी 2020 से अब तक रेपो रेट में 115 पॉइंट की कमी की जा चुकी है। ऐसे में, रिजर्व बैंक इस बार भी मौजूदा रेपो रेट को ही बनाए रख सकता है। भारत फिलहाल कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। कई राज्यों और शहरों में लॉकडाउन जैसी परिस्थितियां भी बन रही हैं। ऐसे में, रेपो रेट में बदलाव की संभावना नहीं के बराबर है।

क्या है रिजर्व बैंक की मौजूदा दरें
फिलहाल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का रेपो रेट 4 फीसदी है, वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.5 फीसदी है। पिछले साल मई से ही रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को समान रखा है। 22 मई, 2020 को रिजर्व बैंक ने पॉलिसी रेट में बदलाव किया था। तब रेपो रेट में कटौती कर उसे 4 फीसदी कर दिया गया था। यह इसका सबसे निचला स्तर है। फिलहाल, रिजर्व बैंक का मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 4.25 फीसदी और बैंक रेट भी 4.25 फीसदी पर है। बैंकों को दिए गए लोन पर रिजर्व बैंक जिस दर से ब्याज वसूलता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। वहीं, बैंकों की ओर से जमा की गई राशि पर रिजर्व बैंक जो ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। 

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