भारतीय बिजनेसमैन ने देश में आई सुस्ती को बताया अस्थायी, कहा कुछ दिनों की और बात है

मुकेश अंबानी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को अस्थायी बताया है। उन्होने कहा कि आने वाले कुछ तिमाहियों में सरकार द्वारा किये गये सुधारों से सकारात्मक परिणाम दिखाई देगा। अंबानी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब दोनों देशों के पास आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकी, युवा आबादी और नेतृत्व सभी कुछ है।

रियाद. अरबपति भारतीय बिजनेसमैन मुकेश अंबानी ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती अस्थायी है और सरकार द्वारा हाल में उठाये गये कदमों से आने वाली तिमाहियों में इस रुख को पलटने में मदद मिलेगी।
सऊदी अरब में होने वाले सालाना निवेश सम्मेलन ‘‘रेगिस्तान में दावोस’’ में अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा अगस्त के बाद से किये गये सुधारों का परिणाम आने वाली कुछ तिमाहियों में सामने आयेगा।

अंबानी ने यहां सम्मेलन में भविष्य के निवेश प्रयासों पर आयोजित सत्र में कहा, ‘‘हां, भारतीय अर्थव्यवस्था में हल्की सुस्ती रही है लेकिन मेरा अपना विचार है कि यह अस्थायी है।’’उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों के दौरान जो भी सुधार उपाय किये गये हैं उनका परिणाम सामने आयेगा और मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाली तिमाहियों में यह स्थिति बदलेगी।’’

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भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था कहा जाता रहा है लेकिन पिछली पांच तिमाहियों से उसकी वृद्धि दर में लगातार गिरावट आ रही है और अप्रैल- जून 2019 की तिमाही में यह घटती हुई पांच प्रतिशत पर आ गई। एक साल पहले इस दौरान जीडीपी वृद्धि दर 8 प्रतिशत की ऊंचाई पर थी। वर्ष 2013 के बाद यह सबसे कम वृद्धि दर है। इसके लिये निवेश में आई सुस्ती और अब खपत एवं उपभोग में आई कमी को बताया जा रहा है। यह कहा जा रहा है कि ग्रामीण परिवारों में वित्तीय तंगी के साथ रोजगार सृजन में कमी रही है।

सरकार ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये पिछले कुछ माह के दौरान नीतिगत स्तर पर कई उपाय किये हैं। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में नकदी की स्थिति को सरल बनाने के लिये उपाय किये गये हैं। बैंकों को उच्च गुणवत्ता वाली एनबीएफसी संपत्तियां खरीदने को प्रोत्साहित किया गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी डाली गई है और कंपनियों के लिये कर दरों को प्रतिस्पर्धी बनाते हुये उसमें बड़ी कटौती की गई है।

अंबानी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब दोनों देशों के पास आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकी, युवा आबादी और नेतृत्व सभी कुछ है। अंबानी सऊदी अरब की तेल कंपनी आरामको के साथ अपने तेल एवं रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बेचने के लिये बातचीत कर रहे हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।) 

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