चित्रा रामकृष्ण पर अवैध फोन टैपिंग कराने में शामिल होने का आरोप है। एफआईआर के अनुसार, चित्रा रामकृष्ण समेत एनएसई के कई टॉप अधिकारियों ने एनएसई कर्मचारियों को धोखा देने के लिए कथित आईसेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ मिलकर साजिश रची और फोन कॉल्स को अवैध तरीके से इंटरसेप्ट कराया।
Chitra Ramkrishna bail: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामाकृष्णा को जमानत मिल गई है। दिल्ली की एक कोर्ट ने एनएसई कर्मचारियों की कथित अवैध फोन टैपिंग केस में अरेस्ट किया था। कुछ दिनों पहले ही इस केस से जुड़े एक अन्य आरोपी पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को भी जमानत दे दिया गया था। स्पेशल जज सुनैना शर्मा ने चित्रा रामकृष्णा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत रकम भरने का आदेश दिया है। कोर्ट ने चित्रा को आदेश दिया है कि जांच या पूछताछ के लिए जब भी बुलाया जाएगा उनको हाजिर होना होगा।
कोर्ट ने रखी यह भी शर्त
कोर्ट ने चित्रा रामकृष्णा को यह भी आदेश दिया कि वह किसी भी गवाह से किसी तरह से संपर्क नहीं करेंगी। न वह किसी गवाह के संपर्क में आए न ही इस मामले से जुड़े तथ्यों या सबूतों से छेड़छाड़ करेंगी। साथ ही बिना अनुमति के देश छोड़कर नहीं जाएंगी।
हालांकि, अभी बाहर नहीं आ सकेंगी...
दिल्ली कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण जेल से बाहर नहीं आ सकेंगी। यह इसलिए क्योंकि हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में उनकी जमातन पर फैसला सुरक्षित रखा है। चित्रा रामकृष्ण पर अवैध फोन टैपिंग कराने में शामिल होने का आरोप है। एफआईआर के अनुसार, चित्रा रामकृष्ण समेत एनएसई के कई टॉप अधिकारियों ने एनएसई कर्मचारियों को धोखा देने के लिए कथित आईसेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ मिलकर साजिश रची और फोन कॉल्स को अवैध तरीके से इंटरसेप्ट कराया।
संजय पांडेय को पहले ही इस मामले में मिल चुकी है जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को एनएसई कर्मचारियों के कथित फोन टैपिंग एवं स्नूपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत पहले ही दे दी है। कोर्ट ने संजय पांडेय को प्रथम दृष्टया दोषी नहीं माना है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया। पढ़िए पूरी खबर...
यह भी पढ़ें:
पूर्वोत्तर उग्रवाद से मुक्त तो केंद्र ने भी AFSPA हटाना किया शुरू: 8 सालों में उग्रवादी हिंसा 80% कम