सार

जस्टिस जसमीत सिंह ने पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय की जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा कि बिना सहमति के फोन टैपिंग करना प्रथम दृष्टया निजता का उल्लंघन है लेकिन यह मामला किसी भी तरीके से पीएमएलए के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।

NSE Phone tapping case: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को एनएसई कर्मचारियों के कथित फोन टैपिंग एवं स्नूपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जमानत दे दी है। कोर्ट ने संजय पांडेय को प्रथम दृष्टया दोषी नहीं माना है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर कुछ शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया।

क्या कहा है हाईकोर्ट ने?

जस्टिस जसमीत सिंह ने पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय की जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा कि बिना सहमति के फोन टैपिंग करना प्रथम दृष्टया निजता का उल्लंघन है लेकिन यह मामला किसी भी तरीके से पीएमएलए के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। ईडी ने यह प्रमाणित नहीं किया है कि संजय पांडेय या किसी अन्य ने फोन टैपिंग से कोई संपत्ति प्राप्त की है। ईडी ने जिन अपराधों में केस दर्ज किया है उसके तहत अपराध का कोई प्रमाण नहीं दिख रहा है।

कोर्ट ने कहा कि ईडी द्वारा एकत्रित और संदर्भित सामग्री के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि केंद्रीय एजेंसी ने यह साबित नहीं किया है कि पांडे ने किसी अनुसूचित अपराध के परिणामस्वरूप या किसी गतिविधि में लिप्त होने या किसी संपत्ति को अर्जित किया है या प्राप्त किया है। ऐसे में आरोपी के रिहा होने पर PMLA के तहत अपराध करने की कोई संभावना नहीं है और आवेदक को जमानत दी जाती है।

इन आरोपों में ईडी ने किया था अरेस्ट

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को फोन टैपिंग केस में ईडी ने अरेस्ट किया था। ईडी ने फोन टैपिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और स्टॉक एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी के मामलों में उनको गिरफ्तार किया था। ईडी की ओर से कोर्ट में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने बताया कि संजय पांडेय ने एमटीएनएल के कई फोन टैप करने का गैरकानूनी काम किया। इसके लिए उन्हें 454 करोड़ रुपए मिले। जबकि संजय पांडेय ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने कभी कोई फोन टैपिंग या लाइव मॉनिटरिंग नहीं की। 

एनएसई की पूर्व चीफ भी हैं अरेस्ट

ईडी ने पहले एनएसई की पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्णन से पूछताछ करने के बाद 14 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने ईडी को चित्रा रामकृष्णन से पूछताछ की अनुमति दी थी। जज ने ईडी की याचिका पर आरोपी के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया था। इसके बाद ईडी ने रामकृष्णन को सहयोग नहीं करने का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था और उसे अदालत में पेश किया था। ईडी ने कोर्ट से आग्रह किया था कि पूछताछ के लिए रामकृष्णन को नौ दिन की हिरासत में दिया जाए। कोर्ट ने रामकृष्णन को ईडी की चार दिन की हिरासत में दिया था। रामकृष्णन को सीबीआई ने एक अलग मामले में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

यह भी पढ़ें:

लड़कियों को ही रात में बाहर निकलने से क्यों रोका जाए, जानिए केरल हाईकोर्ट ने क्यों पूछा सरकार से यह सवाल

Delhi MCD में बहुमत हासिल करने के बाद भी AAP को सताने लगा डर, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर लगाया आरोप

MCD Election Result 2022: दिल्ली नगर निगम में AAP को बहुमत, जानिए 250 सीटों के विजेताओं के नाम