भारतीय एक्सचेंजों पर क्रिप्टो की कीमतों (Cryptocurrency Prices) में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बिटकॉइट, इथेरियम, शिबा अनु और डॉगेकॉइन के दाम 20 से 25 फीसदी तक नीचे आ गए हैं।
बिजनेस डेस्क। देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध (Cryptocurrency Ban) लगाने के लिए एक बिल लिस्ट होने के बाद भारतीय एक्सचेंजों पर डिजिटल करेंसी ग्लोबल एक्सचेंजों के मुकाबले 25 फीसदी तक क्रैश हो गई। भारत में क्रिप्टो की कीमतें (Cryptocurrency Price in India) आमतौर पर वैश्विक बाजारों के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार करती हैं। सरकार ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी और रेगुलेशन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक, 2021 पेश करेगी।
भारत सरकार का नोटिफिकेशन
सरकार ने लोकसभा की वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन में कहा कि बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देगा। विधेयक का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना भी है। सरकार ने फरवरी में बजट सत्र के लिए इसी बिल को सूचीबद्ध किया था, लेकिन यह कभी संसद में चर्चा के लिए नहीं आया।
क्रैश हुआ क्रिप्टो मार्केट
इस नोटिफिकेशन की वजह से क्रिप्टो की कीमतों में भारतीय एक्सचेंजों पर बड़ी गिरावट देखी गई। जबकि ग्लोबल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन और एथेरियम जैसी प्रमुख असेट्स स्थिर कारोबार कर रहे थे। बिल के बारे में खबर के बाद वज़ीरएक्स पर दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो बिटकॉइन की कीमत 46,35,371 रुपए के उच्च स्तर से 33,50,000 रुपए के निचले स्तर तक गिर गई। डिजिटल मुद्रा मूल्य और सूचना डेटा प्लेटफॉर्म Coingecko के अनुसार, वैश्विक बाजारों में बिटकॉइन 56,638.67 डॉलर या 42,15,928 रुपए की तुलना में भारत में मंगलवार सुबह लगभग ₹37,80,000 पर कारोबार कर रहा था। वहीं दूसरी ओर भारत में ईथर, शीबा इनु और डॉगकोइन भी 20 फीसदी की गिरावट पर कारोबार कर रहे थे।
आरबीआई गवर्नर ने दी थी चेतावनी
सरकार और उद्योग के विशेषज्ञों ने हाल ही में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर आगे बढ़ने के तरीके पर बातचीत की थी। कथित तौर पर केंद्र क्रिप्टो को करेंसी के बजाय कमोडिटी के रूप में रेगुलेट करने पर विचार कर रहा है। हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी पर चेतावनी दी थी कि यह देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय स्थिरता के लिए बहुत गंभीर जोखिम है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय एक्सचेंजों पर बिकवाली की घबराहट के पीछे प्रमुख रूप से खुदरा निवेशक है।
भारत में क्रिप्टोकेंसी यूजर्स
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की दीवानगी की बात करें तो 20 मिलियन से अधिक क्रिप्टो अकाउंट होल्डर हैं। यह संख्या शेयर बाजार में निवेश करने वालों से काफी ज्यादा है। भारत में क्रिप्टोकरेंसीज पर कुल 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश लगा हुआ है। इन 20 मिलियन क्रिप्टो धारकों में से, निवेशकों की औसत आयु लगभग 25 वर्ष है। अधिकांश निवेशक 25-34 वर्ष की आयु के बीच के हैं।