अब नहीं निकाल सकेंगे एक दिन में दो बार ATM से पैसे, जानें बैंकों का प्लान

ATM से पैसे निकालने में फ्रॉड के खतरे को देखते हुए अब बैंक जल्द ही कुछ ऐसे कदम उठाने वाले हैं, जिससे एक दिन में दो बार ATM से पैसा निकाना मुश्किल हो जाएगा।

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2019 8:39 AM IST / Updated: Aug 27 2019, 02:21 PM IST


नई दिल्ली। हाल के दिनों में ATM से पैसे निकालने में फ्रॉड की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे बैंक जल्द ही जल्द ही कुछ ऐसे कदम उठा सकते हैं जिससे एटीएम के जरिए होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सकती है। लेकिन इसका सीधा असर कस्टमर्स पर पड़ेगा, जो किए जाने वाले बदलावों के चलते दिन में एक बार से ज्यादा एटीएम से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। इससे लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।  

कैसे रोकेंगे धोखाधड़ी
एटीएम  के जरिए धोखाधड़ी रोकने के लिए दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) ने बैंकों को कुछ सुझाव दिए हैं। इन सुझावों को अगर मान लिया जाएगा तो एटीएम से एक दिन में दो बार पैसा निकालना संभव नहीं रहेगा। इन सुझावों में एक दिन में दो बार एटीएम से ट्रांजैक्शन करने के बीच कम से कम 6 से 12 घंटे का गैप रखने की बात कही गई है।

किसकी हैं ये सिफारिशें?
दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की इस मीटिंग में 18 बैंकर्स शामिल हुए। इस मीटिंग में धोखाधड़ी को रोकने के लिए दूसरे उपायों पर भी चर्चा की गई। एटीएम से पैसे निकालने पर अकाउंट होल्डर के रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक OTP भेजने को लेकर भी चर्चा की गई।

कैनरा बैंक ने शुरू की यह सर्विस
OTP सर्विस की शुरुआत केनरा बैंक ने कर दी है। फिलहाल, उसने 10,000 रुपए से और बड़ी रकम निकालने पर OTP सर्विस शुरू किया है। इसके अलावा, इस मीटिंग में सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने का भी सुझाव दिया गया है। हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और आईडीबीआई बैंकों ने इसे पहले ही लागू कर दिया है।

आधी रात से होने लगती है जालसाजी 
दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी के कन्वीनर और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ मुकेश कुमार जैन ने बताया कि एटीएम से ज्यादातर जालसाजी आधी रात से लेकर तड़के सुबह तक होती है। एक आंकड़े के मुताबिक, दिल्ली में साल 2018-19 में 179 एटीएम फ्रॉड केस दर्ज किए गए थे। वहीं, दिल्ली और महाराष्ट्र से 233 एटीएम फ्रॉड केस सामने आए हैं। साथ ही, कार्ड क्लोनिंग के भी कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक शामिल थे।

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