DoT की 48,489 करोड़ रुपये की मांग के खिलाफ टीडीसैट में जाएगी ऑयल इंडिया

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल इंडिया अतिरिक्त बैंडविड्थ क्षमता के पिछले बकाए के रूप में लगभग 48,500 करोड़ रुपये देने की दूरसंचार विभाग की मांग के खिलाफ इस सप्ताह टीडीसैट में जा सकती है

Asianet News Hindi | Published : Feb 16, 2020 12:11 PM IST

नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल इंडिया अतिरिक्त बैंडविड्थ क्षमता के पिछले बकाए के रूप में लगभग 48,500 करोड़ रुपये देने की दूरसंचार विभाग की मांग के खिलाफ इस सप्ताह टीडीसैट में जा सकती है। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुशील चंद्र मिश्रा ने यह जानकारी दी। यह क्षमता कंपनी ने तीसरे पक्ष को पट्टे पर दी थी।

इसी तरह की मांगों को लेकर अन्य गैर-दूरसंचार कंपनियां भी दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) में जा सकती हैं। गेल इंडिया लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन और गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड टीडीसैट में जा सकती हैं। गेल इंडिया से 1.83 लाख करोड़ रुपये, पावर ग्रिड से 21,953.65 करोड़ रुपये और गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स से 15,019.97 करोड़ रुपये मांगे गए हैं।

सरकार को बकाए का भुगतान करना चाहिए

उच्चतम न्यायालय ने 24 अक्टूबर 2019 को आदेश दिया था कि दूरसंचार कंपनियों को गैर-दूरसंचार आय पर भी सरकार को बकाए का भुगतान करना चाहिए। इसके बाद दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल लिमिटेड, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और अन्य दूरसंचार कंपनियों से 1.47 लाख करोड़ रुपये की मांग की। इसके अलावा 2.7 लाख करोड़ रुपये गैर-दूरसंचार कंपनियों से मांगे गए।

ऑयल इंडिया, गेल और पावरग्रिड जैसी गैर-दूरसंचार कंपनियों ने 24 अक्टूबर के फैसले पर स्पष्टीकरण याचिका दायर की, लेकिन शीर्ष न्यायालय ने 14 फरवरी को उनसे उचित प्राधिकरण के पास जाने के लिए कहा। मिश्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हमारी लाइसेंस शर्तों के अनुसार, कोई भी विवाद टीडीसैट के पास जाएगा और इसलिए हम एक सप्ताह के भीतर टीडीसैट में अपील करेंगे।”

उन्होंने कहा कि ऑयल इंडिया का मानना है कि 24 अक्टूबर का फैसला कंपनी पर लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कंपनी को दिए गए लाइसेंस की प्रकृति दूरसंचार कंपनियों के लाइसेंस से अलग है और यह मांग कानून या तथ्यों के आधार पर टिकाऊ नहीं है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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