ओला इलेक्ट्रिक के भीरत पिछले कुछ वर्षों से हालात बेहतर नहीं हैं। हाल में जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओला के भाविश अग्रवाल ने प्रेजेंटेशन के दौरान अधिकारियों को फटकार लगाई है और कर्मचारियों को सजा भी दी है। कंपनी के दो दर्जन से अधिक वर्तमान और पूर्व कर्मचारी गुमनाम हो गए हैं। ब्लूमबर्ग को कई साक्षात्कारों में यह जानकारी दी है।
OLA Latest Updates. ओला इलेक्ट्रिक के भीरत पिछले कुछ वर्षों से सब कुछ सही नहीं चल रहा है। हाल में जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने प्रेजेंटेशन के दौरान अधिकारियों को न सिर्फ फटकार लगाई बल्कि कर्मचारियों को सजा भी दी है। कंपनी के दो दर्जन से अधिक वर्तमान और पूर्व कर्मचारी इसी वजह से गुमनाम हो गए हैं। ब्लूमबर्ग ने कई साक्षात्कारों में यह जानकारी दी है।
क्या कहती है रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के अनुसार ओला के कर्मचारियों ने कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाविश अग्रवाल के काम से नाराजगी जताई है। साथ ही कर्मचारियों और बोर्ड के अधिकारियों के साथ उनके गलत व्यवहार का भी खुलासा किया है। रिपोर्ट का दावा है कि इस वजह से कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी परेशान हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इस तरह के कई और भी दावे किए गए हैं। वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों का दावा है कि अग्रवाल ने बैठक के दौरान एक पन्ना गायब होने की वजह से पूरा प्रेजेंटेशन ही फाड़ दिया और सीधे साधे कर्मचारियों के खिलाफ पंजाबी भाषा के कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें बेकार कहकर संबोधित किया।
प्लांट के लगवाए तीन चक्कर
रिपोर्ट्स के अनुसार जो बैठक 1 घंटे तक चलनी थी वह 10 मिनट में ही खत्म हो गई। इसका कारण यह रहा कि भाविश अग्रवाल मेमो में एक वाक्य को लेकर और टेढ़े-मेढ़े पेपर क्लिप को देखकर धैर्य खो बैठे। रिपोर्ट में कर्मचारियों के हवाले से कहा गया है कि अग्रवाल ने अपनी प्रबंधन शैली के बारे में कहा कि हर कोई हमारे कल्चर के साथ मेल नहीं खाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घटना के दौरान उन्होंने कथित तौर पर एक कर्मचारी को दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर प्लांट की कई एकड़ की फैक्ट्री के चारों ओर तीन चक्कर लगाने तक का आदेश सुना डाला। जबकि उसकी गलती सिर्फ यह भी उसने के एंट्री गेट को खुला छोड़ दिया था।
क्या कहते हैं भाविश अग्रवाल
ओला संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने ब्लूमबर्ग से कहा कि वह स्थायी प्रभाव वाली कंपनी का निर्माण करना चाहते हैं। भले ही इसके लिए कुछ लोगों के साथ गलत व्यवहार की क्यों न करना पड़े। अग्रवाल ने पिछले महीने ओला इलेक्ट्रिक के बेंगलुरू मुख्यालय में साक्षात्कार को दौरान एजेंसी को बताया कि जुनून और भावनाएं बहुत अधिक हैं क्योंकि हमारी जर्नी इतनी आसान नहीं है। मैं अपने लिए या ओला के लिए आसान रास्ता नहीं चुनना चाहता। मेरा गुस्सा, मेरी हताशा सब कुछ जो है, यही मैं हूं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिलिंगो के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी रमेश बाफना सहित कुछ अधिकारियों ने औपचारिक रूप से जॉब ऑफर स्वीकार करने के कुछ दिनों बाद ओला इलेक्ट्रिक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। उनका मानना है कि अग्रवाल की प्रबंधन शैली चिंताजनक मुद्दा है।
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