
बिजनेस डेस्कः पंजाब में मान सरकार ने वन एमएलए वन पेंशन कानून (One MLA One Pension) को लागू कर दिया है। सरकार का मानना है कि इससे जनता का काफी रुपया बचेगा। इस नियम के लागू होने के बाद से अब दशकों पुराने एक से ज्यादा पेंशन मिलने वाले कानून का अंत हो गया है। इसके लिए पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार की तरफ से बिल पास किया गया था। इस बिल को राज्यपाल से मंजूरी मिल गई है। उसके बाद ही नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
क्या है वन एमएलए वन पेंशन कानून
वन एमएलए वन पेंशन यानी एक विधायक एक पेंशन कानून विधायकों के लिए है। इसके मुताबिक एक विधायक अगर बार-बार विधायक बने, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अब एक कार्यकाल के हिसाब से ही पेंशन दी जाएगी। सरकार के मुताबिक अब सिर्फ एक कार्यकाल ही पेंशन दिलाएगा। इससे विधायकों की पेंशन पर होने वाला खर्च कम होगा।
पहले क्या था विधायकों की पेंशन का कानून
पहले के नियम के अनुसार विधायकों को उनकी जीत के अनुसार पेंशन मिलता था। मतलब यह हुआ कि कोई विधायक अगर 5 बार विधझायक बने तो 5 बार के मुताबिक उन्हें पेंशन दी जाती थी। इसे थोड़ा उदाहरण से समझें, अगर किसी नेता को एक बार जीतने के बाद पेंशन के रूप में 50 हजार रुपए दिया जाता है, तो अगर वहीं नेता 5 बार विधायक बन जाए तो उसे ढाई लाख रुपए पेंशन के रूप में दी जाती थी। लेकिन अब यह व्यवस्था पंजाब में मान सरकार ने हटा दी है।
विधायकों को पेंशन
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई महीने में एक विधायक ने पेंशन को लेकर एक बयान दिया था। उस बयान में विधायक ने बताया था कि विधायकों को करीब 75 हजार रुपए हर महीने पेंशन दी जाती है। मान सरकार का मानना था कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद 80 करोड़ रुपए तक की भारी बचत राज्य सरकार को होगी। वहीं एक रिपोर्ट में यह आया है कि अभी लगभग 325 विधायकों को पेंशन दी जा रही है। इनमें कई ऐसे विधायक भी हैं जिन्हें हर महीने 5.5 लाख रुपए तक पेंशन मिल रही थी।
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