मोदी सरकार में किसानों के साथ ये काम किया तो खैर नहीं, भरना पड़ जाएगा 5 लाख रुपए का जुर्माना

केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े दो अध्यादेश शुक्रवार को लाए। ये अध्यादेश किसानों को व्यापार में सुविधा और कृषि उपज का बेहतर दाम दिलाने से जुड़े हैं। इन अध्यादेशों के मुताबिक, किसानों की फसल की समय पर सही कीमत नहीं चुकाने वाले व्यापारियों को जुर्माना देना होगा। 
 

बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े दो अध्यादेश शुक्रवार को लाए। ये अध्यादेश किसानों को व्यापार में सुविधा और कृषि उपज का बेहतर दाम दिलाने से जुड़े हैं। इन अध्यादेशों के मुताबिक, किसानों की फसल की समय पर सही कीमत नहीं चुकाने वाले व्यापारियों को जुर्माना देना होगा। यह जुर्माना 25 हजार से 5 लाख और कुछ मामलों में 10 लाख रुपए तक हो सकता है।

1. किसानों की उपज खरीदने के लिए पैन कार्ड जरूरी
अध्यादेश के मुताबिक, कृषि उपज संगठनों और कृषि सहकारी संस्थाओं को छोड़ कर कोई भी व्यापारी सूचीबद्ध कृषि उत्पाद पैन कार्ड या अन्य तय किए गए दस्तावेज के बिना नहीं खरीद सकेगा। 

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2. 3 दिन के भीतर भुगतान नहीं करने पर 5 लाख जुर्माना
किसानों की उपज खरीदने वाले व्यापारी को किसान को उसी दिन या ज्यादा से ज्यादा 3 कार्य दिवसों के भीतर भुगतान करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले व्यापारियों पर कम से कम 25 हजार रुपए और अधिकतम 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। 3 दिन बाद भी व्यापारी अगर किसान को भुगतान नहीं करता है तो प्रतिदिन 5 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। 

3. फसल की खरीद-बिक्री के लिए कोई बना सकेगा पोर्टल
अध्यादेश में कहा गया है कि किसानों की फसल की खरीद-बिक्री के लिए पोर्टल बनाया जा सकता है। इससे ऑनलाइन व्यापार संभव हो सकेगा। कोई भी पैन कार्ड धारक, सरकार द्वारा तय दस्तावेज रखने वाला कृषि उपज संगठन या सहकारी संगठन पोर्टल बना सकता है। इससे कृषि उपज को राज्य के भीतर या दूसरे राज्यों में बेचा जा सकेगा। इसके लिए व्यापार प्रक्रिया से जुड़े नियमों का पालन करना होगा। अगर कोई व्यक्ति या संगठन ई-व्यापार के नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर न्यूनतम 50 हजार रुपए और अधिकतम 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। 

4. सभी राज्यों को इसे लागू करना होगा
इन सुधारों को सभी राज्यों को लागू करना होगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर इन सुधारों को लागू करने में सहयोग करने के लिए कहा है। 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020' के अनुसार कोई भी किसान या व्यापारी इलेक्ट्रॉनिक व्यापार और लेनदेन मंच के पास कृषक उपज को व्यापार क्षेत्र के दायरे में राज्य के भीतर या दूसरे राज्यों में बेच सकेगा। 

5. विवाद का निपटारा 
अध्यादेश में किसी तरह के विवाद के निपटारे का प्रावधान भी किया गया है। कृषि उपज के व्यापार से जुड़े विवाद का निपटारा एसडीएम और डीएम करेंगे। इन्हें दीवानी अदालतों से बाहर रखा गया है। अध्यादेश के मुताबिक, केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी व्यापार प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने वाले किसी भी ई-व्यापार मंच को निलंबित कर सकते हैं।

6. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के दिशा-निर्देश
इस समझौते को उपज की खरीद और बिक्री के नियमन के लिए बनाए गए राज्यों के किसी भी नियम से छूट रहेगी। किसी भी किसान को समझौते के हस्तांतरण, बिक्री, पट्टे पर देने या जमीन को गिरवी रखने या जमीन पर निर्माण की अनुमति नहीं होगी। किसान समझौतों को केंद्र या राज्य सरकारों की किसी योजना के तहत बीमा या कर्ज की सुविधाओं से जोड़ा जा सकेगा। समझौते को आपसी सहमति से खत्म किया या बदला भी जा सकेगा। अध्यादेश में विवाद के निपटान के लिए सुलह बोर्ड के गठन का प्रावधान है। 
 

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