ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अब शहर जा कर पोस्ट ऑफिस की स्कीम में पैसा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब घर बैठे ही लोग कई योजनाओं में निवेश कर सकेंगे।
बिजनेस डेस्कः ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों के लिए शहर जाकर किसी योजना में रुपए निवेश करना काफी झंझट भरा काम लगता है। ऐसे में सरकार ने उनके लिए सुविधा दे दी है। अब गांव में रहने वाले लोगों को पोस्ट ऑफिस (Post Office) की बचत योजनाओं में निवेश करने के लिए शहरों में आने की जरूरत नहीं है। केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्ट ऑफिस के नेटवर्क और डाक संचालन को मजबूत करने के लिए स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स का विस्तार गांवों के ब्रांच पोस्ट ऑफिसों तक कर दिया है। अब पब्लिक प्रोविडेंट फंड, किसान विकास पत्र, नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, मंथली इनकम स्कीम और सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में निवेश ग्रामीण पोस्ट ऑफिस में भी किया जा सकता है।
गांव में नहीं थी सुविधा
पिछले साल तक इन स्कीम्स के तहत अकाउंट पोस्ट ऑफिस की शहरी शाखाओं में ही खुलवाए जा सकते थे। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में फिलहाल 1,31,113 ब्रांच पोस्ट ऑफिस काम कर रहे हैं। इन ब्रांच पोस्ट ऑफिसों में पत्र, स्पीड पोस्ट, पार्सल, इलेक्ट्रिक मनीऑर्डर, ग्रामीण डाक जीवन बीमा की सुविधा लोगों को मिल रही है।
किसी भी योजनाओं में कर सकेंगे निवेश
ग्रामीणों को बचत योजनाओं में निवेश करने के लिए अभी तक शहरों के डाकघरों में आना पड़ता था। इसमें उनका समय तो लगता ही था, खर्च भी ज्यादा होता था। कई बचत योजनाएं ऐसी हैं, जिनमें हर महीने पैसा जमा कराना होता है। ग्रामीण डाकघरों में बचत योजना की शुरुआत कर देने से अब लोगों को शहर जाने-आने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
ग्रामीण इलाके के लोग कर सकेंगे निवेश
सरकार के इस कदम से ग्रामीण इलाकों में बचत के निवेश को बढ़ावा मिलेगा। पहले सिर्फ शहरों में ही निवेश की सुविधा होने की वजह से बहुत लोग चाहते हुए भी पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग्स स्कीम में पैसा नहीं जमा कर पाते थे। इसकी वजह थी शहर आने-जाने में परेशानी और खर्च।
इन स्कीम का उठा सकेंगे फायदा
केंद्र सरकार के नए आदेश में सभी ब्रांच पोस्ट ऑफिसों को पीपीएफ, मंथली इनकम स्कीम, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, किसान विकास पत्र और वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं में अकाउंट खोलने की सुविधा देने की अनुमति दी गई है। ग्रामीण लोगों को अब ब्रांच पोस्ट ऑफिस में वे सारी सुविधाएं मिलेंगी, जो शहरों में रहने वाले लोगों को मिल रही हैं।
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