विदेशी फर्म की भविष्यवाणाी की है कि अगर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत ( Crude Oil Price in International Market) में और इजाफा होता है तो नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार महंगाई को कंट्रोल करने के लिए फ्यूल से टैक्स (Tax on Petrol And Diesel) को कम कर सकते हैं।
गोल्डमैन शैक्स ग्रुप इंक ने भविष्यवाणी की है कि अगर ग्लोबल क्रूड ऑयल के दाम (Crude Oil Price) में और तेजी आती है, तो भारत को महंगाई के दबाव को कम करने के लिए फ्यूल के टैक्स (Tax on Petrol And Diesel) में कटौती कर सकती है। सरकार के इस कदम से देश के राजस्व में जरूर कमी आ सकती है, लेकिन आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। मौजूदा समय में करीब 12 सप्ताहों से देश में फ्यूल प्राइस में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है। सरकार ने नवंबर के महीने में फ्यूल टैक्स को कम किया था। जिसके बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है।
सस्ता हो सकता है पेट्रोल और डीजल
गोल्डमैन के वरिष्ठ भारतीय इकोनॉमिस्ट शांतनु सेनगुप्ता ने ब्लूमबर्ग टेलीविजन के हसलिंडा अमीन और रिशाद सलामत को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि यदि क्रूड ऑयल की ऊंची कीमतें होती हैं तो उसका सीधा पेट्रोल पंप पर मिलने वाले पेट्रोल और डीजल की कीमत पर दिखाई देता है। अगर साल के अंत तक तेल 105 डॉलर प्रति बैरल हो जाता है तो केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी में भारी कटौती कर सकती है। मौजूदा समय में 16 जनवरी के आधार पर देश की राधजधानी में केंद्र सरकार 27.90 रुपए एक्साइज के वसूल रही है, जबकि दिल्ली सरकार 15.50 रुपए प्रति लीटर वैट के ले रही है। वहीं डीजल की बात करें तो केंद्र सरकार समान तारीख के आधार पर 21.80 रुपए एक्साइज ड्यूटी और 12.68 रुपए दिल्ली सरकार वैट के रूप में टैक्स वसूल रही है।
100 डॉलर तक जा सकता है क्रूड ऑयल
रूस और यूक्रेन के बीच तनाव के बीच ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास मंडरा रहा है। गोल्डमैन सहित वॉल स्ट्रीट बैंकों के एक समूह ने भविष्यवाणी की है कि वैश्विक बाजार में मजबूती के साथ इस साल तेल 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगा। अगर बात मौजूदा समय की करें तो इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम एक फीसदी की तेजी के साथ 90.22 डॉलर प्रति बैरल पर है। जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमत 87.45 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रही है। वहीं देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के दाम 6576 रुपए प्रति बैरल पर आ गए हैं।
नवंबर में कम किया एक्साइज
भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल की रिकॉर्ड कीमतों के बाद उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए नवंबर में रिटेल फ्यूल पर टैक्स को कम कर दिया था। केंद्र ने दिवाली की पूर्व संध्या पर, ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की, जिसके परिणामस्वरूप देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई। सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 5 रुपये और डीजल की कीमत में 10 रुपये की कटौती की थी। इस फैसले के बाद, कई राज्यों, ज्यादातर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और सहयोगियों ने पेट्रोल डीजल की कीमतों पर वैट में भी कटौती की है।
नीतिगत दरों में 75 अंकों का हो सकता है इजाफा
सेनगुप्ता ने कहा कि टैक्स में और कमी से अगले वित्त वर्ष में एक्साइज ड्यूटी रेवेन्यू में थोड़ी कमी हो सकती है, जो 1 अप्रैल से शुरू होता है, लेकिन कुल मिलाकर सरकार के राजस्व में एक मजबूत वसूली की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि महंगाई के मोर्चे पर, तेल की कीमतों में स्पष्ट रूप से चोट लगी होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक इस कैलेंडर वर्ष में तीन बार नीतिगत दरों में कुल 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी करेगा।
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