जानें क्या है फ्लेक्स फ्यूल इंजन? गडकरी ने कहा- 62 रुपए लीटर के ईंधन से चलेगी गाड़ी, सरकार जल्द लेगी फैसला

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और अपनी मांग का 85 फीसदी हिस्सा विदेशों से मांगता है। भारत में जरूरी लक्ष्य को पूरा करने के लिए करीब 10 अरब लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी। 

बिजनेस डेस्क.  पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को देखते हुए केन्द्र सरकार ऑटो सेक्टर में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन को लाने का विचार कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रोटरी जिला सम्मेलन 2020-21 को वीडियो कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि सरकार 10 दिनों के अंदर इस मामले में फैसला ले सकते हैं। सरकार के इस फैसले से आम आदमी को राहत मिल सकती है।

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आम आदमी के पास होगा विकल्प
नितिन गडकरी ने बताया कि वैकल्पिक ईधन के रूप में एथेनॉल का प्रयोग कर सकते हैं जिसकी कीमत 60-62 रुपए प्रति लीटर है वहीं, पेट्रोल 100 रुपए के पार पहुच गया है। उन्होंने कहा कि मैं परिवहन मंत्री हूं और मैं उद्योग के लिए आदेश देने जा रहा हूं कि केवल पेट्रोल से चलने वाले इंजन नहीं होंगे फ्लेक्स-फ्यूल इंजन भी होंगे। लोग विकल्प के रूप में पेट्रोल या एथेनॉल में से किसी एक का प्रयोग कर सकते हैं।

 

क्या होता है फ्लेक्स फ्यूल इंजन?
इस इंजन की बड़ी बात ये होती है कि इसमें दो तरह के फ्यूल डाले जा सकते हैं। ये सामान्य इंटर्नल कम्ब्यूशन इंजन (ICE) इंजन जैसा ही होता है। इसे एक या एक से अधिक तरह के फ्यूल से चल सकता है। इस इंजन को मिक्स फ्यूल का भी प्रयोग हो सकता है। ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में ऑटोमोबाइल कंपनियां फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाती हैं।

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2023 तक 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य
सरकार ने अगले दो साल में पेट्रोल में 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग (सम्मिश्रण) का लक्ष्य रखा है। इससे देश को महंगे कच्चे तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। अभी पेट्रोल में 8.5% एथेनॉल मिलाया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन गन्ने से होता है।

तीसरा बड़ा तेल आयातक देश है भारत
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है और अपनी मांग का 85 फीसदी हिस्सा विदेशों से मांगता है। भारत में जरूरी लक्ष्य को पूरा करने के लिए करीब 10 अरब लीटर एथेनॉल की जरूरत होगी। 

क्या है एथेनाल के फायदे
एथेनॉल के इस्तेमाल से 35 फीसदी कम कार्बन मोनाऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। यह कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन और सल्फर डाइऑक्साइज को भी कम करता है। इसके अलावा एथेनॉल हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है। एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन होता है। एथेनॉल फ्यूल को इस्तेमाव करने से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है।

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क्या है एथेनॉल फ्यूल
एथेनॉल एक प्रकार का फ्यूल है। जिसके इस्तेमाल से प्रदूषण कम होता है। इस फ्यूल से गाड़ियां भी चलाई जा सकती हैं। एतेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल  में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है।

 

टैक्स में कटौती से मिल सकती है राहत
केंद्र को राज्य सरकारों के साथ पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स में कटौती करके आम आदमी को राहत दे सकती है। फिलहाल टैक्स में कमी नहीं होने के कारण भी पेट्रोल की कीमते बढ़ रही हैं।

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