Petrol, Diesel Prices Today : पेट्रोल - डीजल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी, 6 दिन में 4 रुपए से ज्यादा बढ़े दाम

Petrol, Diesel Prices Today: आज राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल में क्रमश: 30 पैसे और 35 पैसे की बढ़ोतरी के बाद दाम 99.41 रुपए प्रति लीटर और 90.77 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2022 2:42 AM IST / Updated: Mar 28 2022, 08:44 AM IST

Petrol, Diesel Prices Today:  पेट्रोल और डीजल की कीमतों में सोमवार यानी 28 मार्च 2022 को फिर से एक सप्ताह में छठी बार बढ़ोतरी की गई, जिसकी वजह से फ्यूल प्राइस चार रुपए प्रति लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम शतक लगाने से कुछ ही पैसे पीछे रह गए हैं। मंगलवार को अगर दाम में इजाफा होगा तो दिल्ली में पेट्रोल के दाम 100 रुपए के पार पहुंच जाएंगे। वैसे आज राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल में क्रमश: 30 पैसे और 35 पैसे की बढ़ोतरी के बाद दाम 99.41 रुपए प्रति लीटर और 90.77 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।

मुंबई में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 31 पैसे और 37 पैसे की बढ़ोतरी की गई. अब, यहां पर लोगों को पेट्रोल के लिए 114.19 रुपए और डीजल के लिए 98.50 रुपए का भुगतान करना होगा। चेन्नई में पेट्रोल और डीजल की संशोधित दरें 105.18 और 95.33 रपए हैं, जबकि कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 108.85 रुपए और डीजल की कीमत 93.92 रुपए हो गई हैं। बेंगलुरु में पेट्रोल की कीमत 104.78 और डीजल के लिए 89.02 रुपए प्रति लीटर है।

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22 मार्च से लगातार इजाफा
22 मार्च को साढ़े चार महीने के ठहराव के बाद फ्यूल प्राइस में इस साल छठी बार इजाफा देखने को मिला है। चार मौकों पर, पेट्रोल और डीजल के दाम में 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले साल 4 नवंबर से फ्यूल की कीमत कोई बदलाव होना बंद होना बंद हो गया था। उसके बाद रूस यूक्रेन वॉर से क्रूड ऑयल के दाम आसमान पर पहुंच गए थे। 22 मार्च को क्रूड ऑयल के दाम 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने के बाद नीचे आ गया।

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बढ़ेगी महंगाई
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल को देखते हुए कीमतों में और इजाफा होना तय है। इसका अन्य वस्तुओं की कीमतों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा और मुद्रास्फीति के दबाव और विकास को नुकसान पहुंचाएगा। इसका अन्य वस्तुओं की कीमतों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। भारत अपनी तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर 85 प्रतिशत निर्भर है और इसलिए खुदरा दरें वैश्विक आंदोलन के अनुसार समायोजित होती हैं।

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