बिजनेस डेस्क: कोरोनावायरस से देश को बचाने के साथ-साथ केंद्र सरकार अब इकॉनमी को बचाने के लिए एक्शन में आ गई है। 1.7 लाख करोड़ के पहले राहत पैकेज के बाद बहुत जल्द दूसरे राहत पैकेज की घोषणा की जा सकती है। इसको लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल बैठक की जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल थीं।
कई सेक्टर्स को मिल सकती है राहत आज की बैठक में उन सेक्टर्स को राहत देने पर चर्चा हुई जिनपर कोरोना का सबसे बुरा असर हुआ है। यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि विश्व की तमाम एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि लॉकडाउन के कारण भारत की विकास दर पिछले तीन दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाएगी। IMF ने कहा है कि मोदी सरकार को अब इकॉनमी को बचाने के लिए बड़े फैसले लेने की जरूरत है। इसमें देरी से हालत बेहद खराब हो सकती है।
वर्ल्ड बैंक ने घटाया विकास दर का अनुमान इस बैठक में देश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान हालत और लॉकडाउन के बाद के हालात पर विस्तार से चर्चा हुई। इस साल विकास दर की बात करें तो वर्ल्ड बैंक के मुताबिक यह 1.5 फीसदी से 2.8 फीसदी के बीच रह सकती है। IMF ने कहा है कि इस साल विकास दर 1.9 फीसदी रह सकती है।
2020 में भारत की विकास दर सबसे ज्यादाआईएमएफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में विश्व के सभी विकसित देशों की विकास दर नेगेटिव रहेगी, जबकि भारत 1.9 फीसदी के साथ विश्व में सबसे तेजी से विकास करने वाला देश रह सकता है। हालांकि 2021 में इसमें काफी तेजी आएगी, लेकिन कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की भरपाई में लंबा वक्त लग सकता है।
भारत में बढ़े कोरोना के मामले गौरतलब है की देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 941 मामले सामने आए हैं। पिछले 24 घंटे में 37 लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अबतक मामलों की संख्या 12,759 बताई है। इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि 420 लोगों की मौत हुई है और कोरोना वायरस से संक्रमित 1515 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो गए हैं।
(फाइल फोटो)