EPFO ने 6 लाख कंपनियों को दी राहत! 15 मई तक कर सकेंगे मार्च का EPF अंशदान

कोरोना महामारी को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने  6 लाख कंपनियों और 5 करोड़ खाताधारकों को राहत दी है। इसके तहत अब नियोक्ता, मार्च का EPF और अपनी अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं में योगदान का भुगतान 15 मई तक कर सकता है

Asianet News Hindi | Published : Apr 16, 2020 7:44 AM IST

बिजनेस डेस्क: कोरोना महामारी को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने  6 लाख कंपनियों और 5 करोड़ खाताधारकों को राहत दी है। इसके तहत अब नियोक्ता, मार्च का EPF और अपनी अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं में योगदान का भुगतान 15 मई तक कर सकता है।

बता दें कि EPFO की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में मार्च महीने का योगदान का भुगतान 15 अप्रैल तक किया जाना था। इसे बढ़ाकर अब 15 मई कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए मार्च महीने के वेतन के लिए ECR जमा करने की तारीख 15 मई तक की जा रही है। यह उन नियोक्ताओं के लिए है, जिन्होंने अपने कर्मियों को मार्च महीने का अप्प्रैसल दे दिया है।

नियोक्ताओं को मिलेगी राहत 

बयान में कहा गया है कि श्रम मंत्रालय के इस फैसले से उन नियोक्ताओं को राहत मिलेगी, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को इस साल मार्च का वेतन वितरित कर दिया है। यह महामारी के दौरान कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए नियोक्ताओं को एक प्रोत्साहन है।

जिन नियोक्ताओं ने अपने कर्मियों को मार्च महीने का वेतन दिया है, उन्हें न केवल EPF बकाया भुगतान के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है, बल्कि अगर वे 15 मई या उससे पहले उसे जमा कर देते हैं, उनपर ब्याज और जुर्माने की भी देनदारी नहीं बनेगी।

LIC ने भी दी राहत 

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने मार्च और अप्रैल के प्रीमियम भुगतान के लिए पॉलिसीधारकों को 30 दिन का अतिरिक्त समय देने की घोषणा की है। LIC ने कहा कि फरवरी के प्रीमियम के लिए दिया गया अतिरिक्त समय 22 मार्च को खत्म होने के बाद इसे 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।

वहीं, सरकार ने PPF और सुकन्या समृद्धि (SSY) अकाउंटधारकों को भी राहत दी है। सरकार ने इन दोनों अकाउंट के प्रावधानों में ढील देते हुए फैसला किया है कि जो लोग PPF और सुकन्या समृद्धि अकाउंट में लॉकडाउन के चलते वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मिनिमम डिपॉजिट नहीं कर पाए हैं, वे अब 30 जून 2020 तक ऐसा कर सकते हैं। 

(फाइल फोटो)

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