पीयूष गोयल ने कहा - रेलवे का कभी नहीं होगा प्राइवेटाइजेशन, हमेशा रहेगा सरकार का नियंत्रण

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि रेलवे का निजीकरण कभी नहीं होगा और यह हमेशा सरकार के नियंत्रण में रहेगी। उन्होंने पहले की सरकारों पर सिर्फ खोखली घोषणाएं करने का आरोप लगाया और कहा कि रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया गया।
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 16, 2021 10:20 AM IST

बिजनेस डेस्क। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि रेलवे का निजीकरण कभी नहीं होगा और यह हमेशा सरकार के नियंत्रण में रहेगी। उन्होंने पहले की सरकारों पर सिर्फ खोखली घोषणाएं करने का आरोप लगाया और कहा कि रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया गया। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में कहा कि सरकार पर रेलवे के प्राइवेटाइजेशन का आरोप लगाया जा रहा है, पर यह निराधार है। उन्होंने कहा कि क्या कोई कह सकता है कि सड़कों पर सिर्फ सरकारी वाहनों को ही चलना चाहिए। पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट का स्वागत किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे सेवाओं में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि रेलवे का निजीकरण होने जा रहा है।

बजट में दिए गए 2 लाख करोड़
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल निर्देशन में रेलवे का लगातार विकास हो रहा है। रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साल बजट में रेलवे के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का आवंटन हुआ है। इस राशि से रेलवे में सुधार लाया जाएगा और इसका विकास किया जाएगा।

पहले की सरकारों ने की खोखली घोषणाएं
पीयूष गोयल ने कहा कि पहले की सरकारों ने रेलवे के विकास के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने सिर्फ खोखली घोषणाएं की, लेकिन रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर ध्यान नहीं दिया। मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विकास तभी संभव है, जब पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर साथ मिल कर काम करें।

यात्रियों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान
लोकसभा में बहस के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले 2 साल में रेल दुर्घटनाओं में काफी कमी आई है। रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान दिया है और इसके लिए कई कदम उठाए हैं। रेलमंत्री ने कहा कि दुर्घटना से मौत का अंतिम मामला मार्च 2019 में आया था और उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि इसके बाद कोई बड़ी रेल दुर्घटना नहीं हुई।   


 

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