यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर को मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने ₹300 करोड़ से अधिक के कथित धोखाधड़ी मामले में जमानत दे दी है। हालांकि, कपूर सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अन्य मामलों में तलोजा जेल में बंद रहेंगे।
बिजनेस डेस्क। मुंबई की एक सत्र अदालत ने 300 करोड़ से अधिक के कथित धोखाधड़ी मामले में यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर (Yes Bank co-founder Rana Kapoor) को जमानत दे दी है। सह आरोपी अवंता ग्रुप के गौतम थापर (Gautam Thapar of Avanta Group) को भी जमानत मिल गई। उक्त मामला ऑयस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड ( Oyster Buildwell Private Limited) द्वारा लिए गए ऋण से संबंधित है, जो यस बैंक लिमिटेड) वाईबीएल से अवंता रियल्टी लिमिटेड की एक होल्डिंग कंपनी है, और 2017 और 2019 के बीच इसके कथित दुरुपयोग से संबंधित है।
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466.51 करोड़ रुपये का घोटाला
हालांकि, कपूर सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अन्य मामलों में तलोजा जेल में बंद रहेंगे। ईडी ने कपूर, उनकी पत्नी बिंदू कपूर और अवंता समूह के प्रमोटर गौतम थापर के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने बैंक को 466.51 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है।
ईडी ने नहीं किया था गिरफ्तार
राणा कपूर की ओर से पेश अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि राणा कपूर को वर्तमान मामले में जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है और चूंकि प्रवर्तन निदेशालय ने राणा कपूर को गिरफ्तार किए बिना अभियोजन शिकायत दायर की है, इसलिए, कानून के मुताबिक वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है।
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बंगला पहले ही किया जा चुका है सीज
अग्रवाल द्वारा कोर्ट में यह भी तर्क दिया गया था कि वर्तमान मामले में अपराध की कथित घोटाले की रकम को संबंधित एजेंसी ने पहले ही सुरक्षित कर लिया गया है, प्रवर्तन निदेशालय ने उनके अमृत शेरगिल मार्ग, लेटेन्स, नई दिल्ली में स्थित बंगला को अस्थायी रूप से सीज कर लिया है। इससे राणा के भागने का कोई सवाल ही नहीं है।
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ईडी के अनुसार, साल 2017 से 2019 की अवधि के दौरान गौतम थापर, अवंता रियल्टी लिमिटेड (एआरएल), ऑयस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड (ओबीपीएल) और अन्य के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात (criminal breach of trust), धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग या हेराफेरी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में राणा को 27 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया गया था।
इससे पहले, ईडी ने दिल्ली की अदालत को बताया था कि जांच से पता चला है कि ओबीपीएल, झाबुआ पावर लिमिटेड (जेपीएल), झाबुआ पावर इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (जेपीआईएल), अवंता पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एपीआईएल), एआरएल आदि के माध्यम से लगभग 500 करोड़ की आय को लॉन्ड्रिंग की गई थी। ये संस्थाएं अवंता समूह के प्रमोटर गौतम थापर थापर द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित और लाभकारी रूप से स्वामित्व में थे।
जमा कराना होगा पासपोर्ट
अदालत ने राणा कपूर को 5 लाख के सेक्योरिटी डिपॉजिट करने पर सशर्त जमानत दे दी है। कपूर जमानत के दौरान बिना अनुमति के यात्रा नहीं करेंगे, प्रवर्तन निदेशालय में उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। हर तारीख पर अदालत में पेश होने होगा इसके अलावा सामान्य शर्तेों का पालन करना होगा।