RBI MPC Meet: ब्याज दरों में नहीं हुआ बदलाव, 7.2 फीसदी रह सकती है जीडीपी

Published : Apr 08, 2022, 10:25 AM ISTUpdated : Apr 08, 2022, 10:45 AM IST
RBI MPC Meet: ब्याज दरों में नहीं हुआ बदलाव, 7.2 फीसदी रह सकती है जीडीपी

सार

RBI MPC Meet: आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि अब, दो साल बाद जब हम महामारी की स्थिति से बाहर निकल रहे थे, तो ग्लोबल इकोनॉमी ने 24 फरवरी से यूरोप में युद्ध की शुरुआत के साथ फिर से बदलाव देखें हैं।यूक्रेन-रूस वॉर की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी पर जियो पॉलिटिकल टेंशन का दबाव देखने को मिला है।

RBI MPC Meet: तीन दिनों तक चलने वाली आरबीआई की एमपीसी की बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर ने प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए कहा कि रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा हुआ है। यह लगातार 11 वां मौका है जब आरबीआई की एमपीसी ने ब्याज दरों ममें कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि अब, दो साल बाद जब हम महामारी की स्थिति से बाहर निकल रहे थे, तो ग्लोबल इकोनॉमी ने 24 फरवरी से यूरोप में युद्ध की शुरुआत के साथ फिर से बदलाव देखें हैं। यूक्रेन-रूस वॉर की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी पर जियो पॉलिटिकल टेंशन का दबाव देखने को मिला है।

 

 

वित्त वर्ष में 2022-23 में 7.2 फीसदी रह सकती है जीडीपी
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। भारतीय अर्थव्यवस्था दिसंबर तिमाही में 5.4 फीसदी की धीमी गति से बढ़ी, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 0.7 फीसदी और पिछली तिमाही में 8.5 फीसदी थी। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी 8.9 फीसदी  बढऩे का अनुमान है, जो पहले अनुमानित 9.2 फीसदी की तुलना में धीमी है।

5.7 फीसदी महंगाई का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की महंगाई का अनुमान 5.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। फरवरी में भारत की वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने 6 फीसदी से अधिक हो गई, क्योंकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 6.07 फीसदी बढ़ी, जो पिछले महीने में 6.01 फीसदी की तुलना में भोजन, ईंधन और घरेलू सामानों की बढ़ती लागत से बढ़ी थी। मुद्रास्फीति पहले से ही केंद्रीय बैंक की ऊपरी सहनशीलता सीमा से ऊपर चल रही है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक रिपोर्ट से यह भी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमानों में काफी वृद्धि करेगा और विकास अनुमानों को भी कम करेगा।

आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी एक काफी उथल-पुथल से गुजरी है। उन्होंने कहा कि मजबूत बफर, जैसे कि बड़े विदेशी मुद्रा भंडार, बाहरी संकेतकों में महत्वपूर्ण सुधार और बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान हमें आश्वस्त किया है। हम इकोनॉमी को मौजूदा दलदल से बाहर निकालने के लिए तैयार हैं। ग्लोबल इंफ्लेशन अनुमानों में वृद्धि हुई है, जिससे सभी क्षेत्रों में वैश्विक उत्पादन पर महत्वपूर्ण प्रभाव की संभावना बढ़ गई है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि लागत दबाव और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान बने रहने की संभावना है।

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