RBI Retail Direct Scheme : अकाउंट ओपन करने से लेकर निवेश की प्रकिया तक, जानिए सबकुछ

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू की गई योजना खुदरा निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने की अनुमति देती है। सरकारी बांड खरीदने और बेचने में सक्षम होने के लिए, निवेशक को पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा।

बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज 'RBI रिटेल डायरेक्ट स्कीम' का शुभारंभ किया। यह योजना रिटेल इंवेस्टर्स को सरकारी बांड ऑनलाइन खरीदने और बेचने की अनुमति देगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी फरवरी 2021 की मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में इस योजना की घोषणा की। सरकारी प्रतिभूतियों यानी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री के लिए पोर्टल rbirtaildirect.org.in पर देखा जा सकता है। यहां आपको इस योजना के बारे में बतसाने जा रहे हैं कि आप कैसे निवेश कर सकते हैं। अपना अकाउंट ओपन कर सकते हैं।

आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम क्या है
आरबीआई आरबीआई रिटेल डायरेक्ट स्कीम रिटेल इंवेस्टर्स को प्राइमरी और सेकंडरी  दोनों बाजारों में गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को ऑनलाइन खरीदने और बेचने की अनुमति देती है। आरबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार, ये छोटे निवेशक अब आरबीआई के साथ गिल्ट सिक्योरिटीज अकाउंट गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं। खोले गए खाते को रिटेल डायरेक्ट गिल्ट यानी क्रष्ठत्र अकाउंट खाता कहा जाएगा।

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आरडीजी खाता कौन खोल सकता है
आरबीआई द्वारा 12 जुलाई, 2021 को जारी अधिसूचना के अनुसार, एक रिटेल इंवेस्टर्स आरडीजी अकाउंट खोल सकता है यदि उसके पास निम्नलिखित हैं:
- भारत में एक सेविंग अकाउंट।
- आयकर विभाग द्वारा जारी पैन।
- केवाईसी के लिए कोई भी आधिकारिक वैध दस्तावेज जैसे आधार, वोटर आईडी।
- वैध ईमेल आईडी।
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर।
- आरडीजी अकाउंट सिंगल या ज्वाइंट दोनों रूपों में खोला सकता है, जो पात्रता मानदंडों को पूरा करता है।

ऑनलाइन पोर्टल पर कैसे करें रजिस्ट्रेशन
निवेशक ऑनलाइन फॉर्म भरकर ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और जानकारी को प्रमाणित करने के लिए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग कर सकते हैं। सफलतापूर्वक पंजीकरण होने पर, 'रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट' खोला जाएगा और ऑनलाइन पोर्टल तक पहुंचने के लिए एसएमएस/ई-मेल के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। आरडीजी खाता प्राथमिक बाजार भागीदारी के साथ-साथ एनडीएस-ओएम पर सेकंडरी बाजार ट्रांजेक्शन के लिए अवेलेबल रहेगा।

ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से गवर्नमेंट सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री कैसे करें
एक बार खाता खुल जाने के बाद, रिटेल इंवेस्टर्स प्राइमरी मार्केट में सरकारी सिक्योरिटीज खरीद सकते हैं, जहां सरकारी बांड पहली बार जारी किए जाते हैं या सेकंडरी मार्केट में मौजूदा सरकारी बांड खरीद/बेच सकते हैं।

प्राइमरी मार्केट में सरकारी सिक्योरिटी की खरीद: सरकारी सिक्योरिटी की प्राइमरी बिडिंग में भागीदारी के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी योजना यानी non-competitive scheme के अनुसार सिक्योरिटीज का आवंटन और सरकारी बांड जारी करने के लिए प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों के अनुसार होगा। हरेक सिक्योरिटी पर एक ही बोली लगाई जा सकेगी। इसका मतलब है कि अगर आप अपनी बोली लगा चुके हैं और उससे ज्यादा रुपयों की बोली लगाता है तो आप दोबारा से बोली नहीं लगा पाएंगे। आपको फिर दूसरी सिक्योरिटी का इंतजार करना होगा। बोली जमा करने पर, देय कुल राशि प्रदर्शित की जाएगी। एग्रीगेटर/प्राप्तकर्ता कार्यालय को भुगतान, दिए गए बैंक अकाउंट से नेट-बैंकिंग/यूपीआई सुविधा का उपयोग करके किया जा सकता है, जिससे पोर्टल पर बोलियां जमा करते समय धनराशि डेबिट की जाएगी।

खुदरा निवेशक एएसबीए सुविधा का भी उपयोग कर सकते हैं जहां पोर्टल पर बोलियां जमा करने के समय लिंक किए गए बैंक खाते में धन को अवरुद्ध किया जा सकता है जो नीलामी में सफल आवंटन पर इस खाते से डेबिट हो जाएगा। बैंकों के माध्यम से भी इसी तरह की सुविधा आने वाले समय में उपलब्ध कराई जाएगी। रिफंड, यदि कोई हो, एग्रीगेटर द्वारा निर्दिष्ट समय-सीमा के अनुसार निवेशक के बैंक खाते में जमा किया जाएगा। निवेशकों को आवंटित सिक्योरिटी निपटान के दिन उनके आरडीजी अकाउंट में जमा करके जारी की जाएंगी।

सेकंडरी मार्केट में सरकारी बांड्स की खरीद और बिक्री: पंजीकृत निवेशक एनडीएस-ओएम के माध्यम से सरकारी सिक्योरिटीज को खरीदने या बेचने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर सेकंडरी मार्केट ट्रांजेक्शन लिंक का यूज कर सकते हैं। सरकारी बांड खरीदने के लिए, भुगतान निम्नलिखित में से किसी भी तरीके से किया जा सकता है: ट्रेडिंग घंटे शुरू होने से पहले या दिन के दौरान, निवेशक की ओर से लिंक किए गए बैंक खाते से नेटबैंकिंग/यूपीआई के माध्यम से। ट्रेडिंग सत्र के अंत में, निवेशक के क्रेडिट में पड़े किसी भी अतिरिक्त फंड को वापस कर दिया जाएगा।

आरडीजी खाता खोलने के लिए कितना लगता है चार्ज
आरबीआई के अनुसार, 'रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट' खोलने और बनाए रखने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा, प्राथमिक नीलामी में बोली जमा करने के लिए एग्रीगेटर द्वारा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, कोई भी भुगतान गेटवे शुल्क पंजीकृत निवेशक द्वारा वहन किया जाएगा।

इस योजना में और किस तरह की मिल रही है सुविधाएं
- ऑनलाइन पोर्टल रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट में ट्रांजेक्शन हिस्ट्री और सिक्योरिटी की होल्डिंग बैलेंस को दर्शाने वाला एक खाता विवरण प्रदान करेगा। सभी लेनदेन अलर्ट ई-मेल/एसएमएस के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे।
- पंजीकृत उपयोगकर्ता को एक नॉमिनेशन सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इसमें अधिकतम दो नॉमिनी हो सकते हैं। पंजीकृत निवेशक की मृत्यु की स्थिति में, आरडीजी खाते में उपलब्ध प्रतिभूतियों को मृत्यु प्रमाण पत्र और ट्रांसमिशन फॉर्म जमा करने पर आरडीजी खाते या नामांकित व्यक्ति के किसी अन्य सरकारी प्रतिभूति खाते में प्रेषित किया जा सकता है।
- एक खुदरा निवेशक आरडीजी खाते में उपलब्ध प्रतिभूतियों पर लोन ले सकता है।
- कोई रिटेल इंवेस्टर्स दूसरे रिटेल इंवेस्टर्स को गिफ्ट के तौर गवर्नमेंट सिक्योरिटीज भी दे सकता है।
- योजना से संबंधित कोई भी प्रश्न या शिकायत पोर्टल पर उठाई जा सकती है जिसे लोक ऋण कार्यालय (पीडीओ) मुंबई, आरबीआई द्वारा नियंत्रित/समाधान किया जाएगा।

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