रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप (Reliance-Future Group) की डील को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की मंजूरी मिल गई है। इसे लेकर अमेजन (Amazon) ने आपत्ति दर्ज की थी और इस सौदे को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं जारी करने की अपील की थी।
बिजनेस डेस्क। रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप (Reliance-Future Group) की डील को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की मंजूरी मिल गई है। इसे लेकर अमेजन (Amazon) ने आपत्ति दर्ज की थी और इस सौदे को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं जारी करने की अपील की थी। अमेजन ने इस मामले के दिल्ली हाईकोर्ट में होने के आधार पर सेबी और दूसरे मार्केट रेग्युलेटर एजेंसियों को पत्र लिख कर कहा था कि वे इस सौदे को खारिज कर दें। अमेजन ने इसे लेकर एनओसी जारी नहीं करने की मांग की थी। लेकिन सेबी ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के सौदे को मंजूरी दे दी है। सेबी की मंजूरी मिलने के बाद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने भी फ्यूचर ग्रुर और रिलायंस के बीच होने जा रहे 24,173 करोड़ रुपए के इस सौदे पर अपनी मुहर लगा दी है।
कुछ शर्तों के साथ मिली मंजूरी
बता दें कि फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के बीच इस डील की घोषणा पिछले साल अगस्त में ही हुई थी। इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप को अपनी परिसंपत्तियां रिलायंस ग्रुप को बेचनी थी। इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप के रिटेल का सारा कारोबार रिलायंस के पास आना था। बता दें कि रिटेल सेक्टर में फ्यूचर ग्रुप ने सबसे पहले देश भर में बिग बाजार (BIG BAZAAR) नाम से करीब 1500 स्टोर खोले थे। रिलायंस रिटेल के भी 1000 से ज्यादा स्टोर पूरे देश में हैं। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 5 महीने के बाद कुछ शर्तों के साथ इस सौदे को मंजूरी दी है।
कानूनी फैसले पर निर्भर करेगी सेबी की मंजूरी
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने कहा है कि फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के बीच होने वाली डील को सेबी की मंजूरी दिल्ली हाईकोर्ट और आर्बिट्रेशन प्रोसीडिंग्स के फैसले पर निर्भर करेगी। सेबी का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस के बीत जो कारोबारी सौदा हुआ है, उसके खिलाफ कानूनी मामला अदालत में चल रहा है। ऐसे में, बीएसई ने फ्यूचर ग्रुप से कहा है कि सेबी की मंजूरी इस मामले में अदालत के फैसले पर ही निर्भर करेगी।
क्या है डील से जुड़ा विवाद
अगस्त 2019 में अमेजन ने फ्यूचर के अनलिस्टेड फर्म फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने पर सहमति जताई थी। इस समझौते के तहत अमेजन के पास 3 से 10 साल के भीतर फ्लैगशिप कंपनी फ्यूचर रिटेल की खरीददारी के अधिकार थे। फ्यूचर कूपन्स के पास बीएसई लिस्टेड फ्यूचर रिटेल में 7.3 फीसदी हिस्सेदारी है। रिलायंस के साथ सौदे को लेकर अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल ऑर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) में याचिका दायर की है। अमेजन का कहना है कि फ्यूचर ग्रुप ने उसकी प्रतिद्वंद्वी रिलायंस के साथ कारोबारी सौदा करके उसके साथ समझौते का उल्लंघन किया है। अक्टूबर 2020 में सिंगापुर इंटरनेशनल ऑर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद फ्यूचर ग्रुप मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में ले गया।