
बिजनेस डेस्क। देश की सबसे बड़ी सरकारी इंश्योरेंस कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ को रूस-यूक्रेन संघर्ष (Russia-Ukraine Conflict) की वजह से शेयर बाजार में देखने को मिल रही है अस्थिरता की वजह से अगले वित्तीय वर्ष में धकेला जा सकता है। देश के सबसे बड़े जीवन बीमाकर्ता (LIC) ने 13 फरवरी को सरकार द्वारा पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए मसौदा प्रस्ताव दस्तावेज दाखिल किया था। एलआईसी आईपीओ (LIC IPO), जिसे देश का अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इश्यू (Public Issue) कहा जा रहा है की शुरुआत इस महीने होनी थी।
यूक्रेन संकट की वजह से सोच में पड़ी सरकार
मीडिया रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेन-रूस वॉर से पहले एलआईसी आईपीओ तयारी चल रही थी, लेकिन इस वॉर के परिणाम जो सामने आ रहे हैं, उसके बारे में एक बार फिर से समीक्षा करना जरूरी हो गया है। वास्तव में यूक्रेन संकट की वह से पूरी दुनिया की इक्विटी बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है, जिसका असर भारतीय प्इमरी मार्केट में भी देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से सरकार इस आईपओ लेकर फिर से सोच में पड़ गई है।
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इश्यू प्राइसिंग अभी तय नहीं
इश्यू प्राइसिंग अभी तय नहीं हुई है, कुछ अनुमानों के मुताबिक ऑफर साइज लगभग 63,000 करोड़ रुपए है। इस बात की चिंता है कि मौजूदा अस्थिर बाजार में इतनी बड़ी बिक्री मुश्किल हो सकती है और प्रतिबंधों ने रूसी बाजार को प्रभावित किया है। 2 मार्च को ब्रेंट क्रूड की कीमतें 110 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गईं, सेंसेक्स 1.38 फीसदी गिर गया, बॉन्ड यील्ड बढ़ी और डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर हुआ। पूर्वी यूरोप में सैन्य संघर्ष ने दुनिया भर के बाजारों में खलबली मचा दी है।
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चल रही है बातचीत
अधिकारी ने कहा, "कुछ सॉवरेन फंडों के साथ रोड शो इस सप्ताह और अगले सप्ताह में होना है।" उन्होंने कहा, "सरकार इस इश्यू का प्रबंधन करने वाले मर्चेंट बैंकों सहित सभी हितधारकों के साथ लगातार बातचीत कर रही है।" मसौदा दस्तावेज के अनुसार, 316.2 मिलियन इक्विटी शेयर बिक्री के प्रस्ताव के माध्यम से टैप पर होंगे, जो एलआईसी की इक्विटी के पांच प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। शेयरों का कोई नया निर्गम नहीं होगा। 30 सितंबर, 2021 को एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य 5.39 लाख करोड़ रुपये था।