स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) ने 1 जनवरी, 2020 से अपने ग्राहकों के लिए सभी डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) मुफ्त कर दिए हैं। एसबीआई ने एसएमएस सेवाओं और बीएसबीडीए धारकों के लिए न्यूनतम शेष राशि के रखरखाव पर शुल्क भी माफ कर दिया है।
बिजनेस डेस्क। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने बेसिक सेविंग बैंक डिपोजिट अकाउंट के ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। बैंक अब बीएसबीडीए डिजिटल ट्रांजेक्शन (Digital Transactions) पर कोई चार्ज नहीं वसूल करेगा। इस फैसले में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) और रुपे डेबिट कार्ड (Rupay Debit Card) का उपयोग करने वाले ट्रांजेक्शन शामिल हैं। आपको बता दें कि देश के सबसे बड़े लेंडर ने 1 जनवरी, 2020 से अपने ग्राहकों के लिए सभी डिजिटल लेनदेन मुफ्त कर दिए हैं। एसबीआई ने एसएमएस सेवाओं और बीएसबीडीए धारकों के लिए न्यूनतम शेष राशि के रखरखाव पर शुल्क भी माफ कर दिया है।
इस रिपोर्ट के बाद एसबीआई का फैसला
एसबीआई ने स्पष्टीकरण तब जारी किया जब आईआईटी-बॉम्बे के गणित विभाग के प्रोफेसर आशीष दास ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि एसबीआई द्वारा बीएसबीडीए ग्राहकों पर डिजिटल ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगाने पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का उल्लंघन हुआ था। दास के अनुसार, एसबीआई ने 1 जून, 2017 से एक महीने में चार से अधिक डेबिट ट्रांजेक्शन के लिए 17.70 रुपये का शुल्क लिया।
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वसूला गया इतना शुल्क
दास की रिपोर्ट के अनुसार हालांकि एसबीआई अब डिजिटल लेनदेन के लिए पैसे नहीं ले रहा है, बैंक ने अप्रैल 2017 के दौरान 254 करोड़ रुपए से अधिक का कलेक्शन किया। सितंबर 2020 में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत बीएसबीडीए ग्राहकों द्वारा किए गए कम से कम 14 करोड़ यूपीआई/रूपे ट्रांजेक्शन के लिए पैसे वसूल किए गए।
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आरबीआई का आया बयान
एसबीआई ने एक बयान में कहा कि बैंक केवल व्यापार संवाददाता (बीसी) चैनल में चार मुफ्त नकद निकासी से अधिक शुल्क ले रहा है, जबकि डिजिटल चैनलों का उपयोग करने पर कोई शुल्क नहीं है। इसका उद्देश्य 'कम नकदी' वाली अर्थव्यवस्था की ओर डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना है। एसबीआई के अनुसार, आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार 15 जून, 2016 से बीसी चैनल में बीएसबीडी अकाउंट में पहली चार निकासी के बाद शुल्क लगाया गया था।