साढ़े 9 महीनों के निचले लेवल पर शेयर बाजार, 30 जुलाई 2021 के बाद सेंसेक्स 52,800 अंकों के नीचे

सेंसेक्स 30 जुलाई 2021 के बाद पहली बार 52800 अंकों पर बंद हुआ है। जबकि निफ्टी साढ़े 9 महीनों के बाद 15800 अंकों से नीचे आया है। वैसे मई में शेयर बाजार निवेशकों को 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

Asianet News Hindi | Published : May 13, 2022 11:30 AM IST

बिजनेस डेस्क। लगातार 6 वें कारोबारी दिन शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है। खास बात तो ये है कि बाजार सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन साढ़े 9 महीनों के निचले स्तर पर बंद हुआ है। जहां सेंसेक्स 30 जुलाई 2021 के बाद पहली बार 52800 अंकों पर बंद हुआ है। जबकि निफ्टी साढ़े 9 महीनों के बाद 15800 अंकों से नीचे आया है। वैसे मई में शेयर बाजार निवेशकों को 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। आपको बता दें कि अगले सप्ताह 17 मई को देश का सबसे बड़ा आईपीओ एलआईसी बाजार में लिस्ट होने वाला है। जिससे निवेशकों को काफी उम्मीदें हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में किस तरह के आंकड़ें देखने को मिल रहे हैं।

सेंसेक्स साढ़े 9 महीनों के निचले स्तर पर
आज शेयर बाजार में भले मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ हो, लेकिन सेंसेक्स साढ़े 9 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गया है। आज के आंकड़ों को देखें तो बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 136.69 अंकों की गिरावट के साथ 52,793.62 अंकों पर बंद हुआ है। 30 जुलाई 2021 के बाद पहली बार ऐसा मौका आया है जब सेंसेक्स 52,800 अंकों के नीचे बंद हुआ है।

निफ्टी 15800 अंकों के नीचे
वहीं दूसरी ओर 15800 अंकों के नीचे आ गया है। लगातार 6 दिनों से निफ्टी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। आंकड़ों को देखें तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन 25.85 अंकों की गिरावट के साथ 15,782.15 अंकों पर बंद हुआ है। 30 जुलाई 2021 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब निफ्टी 15,800 अंकों के नीचे बंद हुआ है।

इस वजह से देखने को मिली गिरावट
जानकारों की मानें तो ग्लोबल और डॉमेस्टिक इक्विटी बाजारों में इस सप्ताह तेज गिरावट देखी गई, क्योंकि महंगाई के हाई लेवल के बीच निवेशक विकास की उम्मीदों से चिंतित हैं। सेंसेक्स 30 और निफ्टी 50 इंडेक्स 3 फीसदी के करीब बंद हुए थे। बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 5-6 फीसदी की सीमा में उच्च सुधार देखा गया। इस सप्ताह लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई। भारत में, अप्रैल 2022 में सीपीआई महंगाई बढ़कर 7.79 फीसदी हो गई, जबकि मार्च 2022 आईआईपी वृद्धि 1.9 फीसदी पर कम रही। एफआईआई ने इस सप्ताह भारतीय शेयरों में बिकवाली जारी रखी।

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