सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में 2800 करोड़ रुपये के आर्बिट्रेशन अवार्ड मामले को रिलायंस के पक्ष में होने के निर्णय को सही ठहराते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को निर्देश दिए हैं कि वह रिलायंस इंफ्रा को 2800 करोड़ रुपये का ब्याज सहित भुगतान करे।
बिजनेस डेस्क । गुरुवार को उच्चतम न्यायालय ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) को एक बड़ी राहत देते हुए अनिल अंबानी के पक्ष में फैसला सुनाया है। शीर्ष कोर्ट ने 2800 करोड़ रुपये के आर्बिट्रेशन मामले की सुनवाई करते हुए रिलायंस इंफ्रा को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) को 2800 करोड़ रुपये का ब्याज सहित भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।
देना होगा 8 साल का इंटरेस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में 2800 करोड़ रुपये के आर्बिट्रेशन अवार्ड मामले को रिलायंस के पक्ष में होने के निर्णय को सही ठहराते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को निर्देश दिए हैं कि वह रिलायंस इंफ्रा को 2800 करोड़ रुपये का ब्याज सहित भुगतान करें, बता दें कि DMRC को इस राशि पर 8 साल का ब्याज भी देना होगा।
चुकाने पड़ सकते हैं 5 हजार करोड़ रुपए
अनुमान के मुताबिक दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को तकरीबन 5000 करोड़ रुपये चुकाने पड़ सकते हैं, जनवरी 2019 तक ब्याज सहित ये राशि 4500 करोड़ रुपये बैठ रही थी, वहीं अब इसके 5 हजार करोड़ रुपए हो जाने का अनुमान है। .
Anil Ambani Group को मिलेगी बड़ी राहत
संकट से गुजर रहे अनिल अंबानी ग्रुप (Anil Ambani Group) की कंपनी रिलायंस इंफ्रा (Reliance Infra) को इस रकम मिलने से बड़ी राहत मिलेगी । अनिल अंबानी ग्रुप पर बड़ी देनदारी है। इस रकम मिलने के बाद अनिल अंबानी ग्रुप को अपना घाटा पाटने में राहत मिलेगी।
प्राइवेट मेट्रो रेल का हुआ था समझौता
साल 2008 में रिलायंस इंफ्रा ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के साथ प्राइवेट मेट्रो रेल संचालन को लेकर एग्रीमेट किया था। दोनों के बीच 2038 तक मेट्रो रेल चलाने का करार हुआ था, 2012 में रिलायंस इंफ्रा ने विवादों के चलते इस एग्रीमेंट को खत्म कर दिया था।