पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने में लग सकता है 8 से 10 साल का समय, जानें क्या है वजह

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर ऐसी चर्चा चली थी कि इन पर जीएसटी (GST) लगाया जा सकता है। इससे इसकी कीमतों पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) यह राय जाहिर की थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अभी ऐसा कर पाना संभव नहीं है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2021 10:49 AM IST

बिजनेस डेस्क। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर ऐसी चर्चा चली थी कि इन पर जीएसटी (GST) लगाया जा सकता है। इससे इसकी कीमतों पर नियंत्रण में मदद मिलेगी। खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) यह राय जाहिर की थी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अभी ऐसा कर पाना संभव नहीं है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अगले 8 से 10 साल तक पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाना संभव नहीं है, क्योंकि इससे राज्यों को 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

वित्त विधेयक पर हो रही थी चर्चा
सुशील कुमार मोदी ने उच्च सदन में वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों से राज्यों को 5 लाख करोड़ रुपए मिलते हैं। बता दें कि कुछ राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई थी। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर काबू पाने के लिए इन्हें जीएसटी के दायरे में लाने की मांग पहले से होती रही है।

राज्यों को होगा 2 लाख करोड़ का नुकसान
भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की मांग को अव्यावहारिक बताया। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों को करीब 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा और इसकी भरपाई संभव नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अगले 8 से 10 साल तक पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना संभव नहीं है। 

राज्य और केंद्र को मिलते हैं कितने रुपए 
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अभी जीएसटी की अधिकतम दर 28 फीसदी है। आज की स्थिति में 100 रुपए में 60 रुपए टैक्स के होते हैं। इस 60 रुपए में केंद्र को 35 और राज्यों को 25 रुपए मिलते हैं। इसके अलावा केंद्र के 35 रुपए का 42 फीसदी भी राज्य को ही मिलता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में किसी राज्य में जीएसटी के ढांचे का विरोध नहीं किया गया। इसकी पुष्टि जीएसटी परिषद की कार्यवाही से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसे लागू करना हिम्मत का काम था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने इसे लागू किया।

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