प्रोविडेंट फंड में 5 लाख रुपए तक का निवेश पर नहीं लगेगा टैक्स, कर्मचारियों के लिए बड़ा फायदा

केंद्र सरकार (Central Government) ने 2021 के बजट में यह घोषणा की थी कि अब ईपीएफ अकाउंट (EPF Account) में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा होने पर टैक्स लगेगा, लेकिन अब वित्त विधेयक में कुछ संशोधन किए गए हैं। इसके बाद 5 लाख रुपए तक के पीएफ निवेश पर इनकम टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है।

Asianet News Hindi | Published : Mar 24, 2021 7:15 AM IST / Updated: Mar 24 2021, 01:00 PM IST

बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार (Central Government) ने 2021 के बजट में यह घोषणा की थी कि अब ईपीएफ अकाउंट (EPF Account) में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा होने पर टैक्स लगेगा, लेकिन अब वित्त विधेयक में कुछ संशोधन किए गए हैं। इसके बाद 5 लाख रुपए तक के पीएफ निवेश पर इनकम टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है। बता दें कि लोकसभा में वित्त विधेयक 2021 पारित हो चुका है। इसमें प्रोविडेंट फंड (PF) निवेश की गई रकम पर मिले ब्याज पर छूट की सीमा (Tax Exemption Limit) को बढ़ा कर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। इससे कर्मचारियों को फायदा होगा।

किन्हें मिलेगी टैक्स में छूट
टैक्स में यह छूट सिर्फ उन कर्मचारियों को ही मिलेगी, जिनके पीएफ अकाउंट में कंपनी की ओर से कोई कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं किया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि इससे प्रोविडेंट फंड में निवेश करने वाले सिर्फ 1 फीसदी लोगों पर असर पड़ेगा। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बाकी लोगों का पीएफ में योगदान 2.5 लाख रुपए से कम ही है।

पीपीएफ में निवेश करने पर मिलेगी छूट
केंद्र सरकार ने बजट 2021 में घोषणा की थी अगर ईपीएफ अकाउंट (EPF Account) में 2.5 लाख रुपए से ज्‍यादा का निवेश हुआ है, तो अतिरिक्त निवेश से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा। इसकी वजह यह है कि उसमें नियोक्ता भी अपनी ओर से योगदान देता है। वहीं, अगर तय 12 फीसदी के अतिरिक्‍त वॉलियन्टरी प्रोविडेंट फंड (VPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश किया जाता है, तो 5 लाख रुपए तक के कुल पीएफ निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स में छूट मिलेगी।

पीएफ के जरिए कमाई करने वालों को लगा झटका
पीएफ में ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन कर टैक्स में छूट का फायदा उठाने वाले लोगों को बजट 2021 की घोषणा से झटका लगा था। बता दें कि अच्छी कमाई करने वाले लोग अब तक इसका इस्तेमाल टैक्स में छूट हासिल करने के लिए कर रहे थे। वहीं, बजट 2021 में यह छूट सीमित कर दी गई। नई व्यवस्था के तहत एक साल में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा प्रोविडेंट फंड जमा करने पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आ जाएगा। 

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