2021 तक देश भर में 700 चार्जिंग स्टेशन बनाएगी टाटा पॉवर

टाटा पावर के मुख्य कार्यकपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा है कि हमारी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने की योजना है

Asianet News Hindi | Published : Feb 17, 2020 11:14 AM IST / Updated: Feb 17 2020, 08:21 PM IST

मुंबई: टाटा पावर के मुख्य कार्यकपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा है कि हमारी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने की योजना है। इसके तहत अगले साल तक ऐसे स्टेशनों की संख्या 700 की जाएगी।

कंपनी पहले ही तेजी से चार्ज करने वाले 100 स्टेशन स्थापित कर चुकी है। ये स्टेशन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में स्थापित किये गये हैं। 

इसकी संख्या 300 पहुंचाने की योजना है

कंपनी की मार्च 2020 तक इसकी संख्या 300 पहुंचाने की योजना है। सिन्हा ने कहा, ‘‘हम उन जगहों को देख रहे हैं जहां इलेक्ट्रिक वाहन पेश किये गये हैं और हम उन शहरों में चार्जिंग स्टेशन लगा रहे हैं। हमारा मकसद अगले साल तक इस संख्या को बढ़ाकर करीब 700 करना है।’’सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होगी और लोग खरीदने के लिये प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि कंपनी केवल सार्वजनिक स्थलों पर ध्यान नहीं दे रही बल्कि घरों पर भी चार्जिंग स्टेशन के लिये जगह उपलब्ध करा रही है।

कंपनी ने मुंबई में 30 चार्जिंग स्टेशन स्थापित

सिन्हा ने कहा, ‘‘हम सार्वजनिक स्थलों के साथ घरों पर चार्जिंग के लिये बुनियादी ढांचा सृजित करेंगे। सार्वजनिक स्थलों में मेट्रो स्टेशन, शॉपिंग मॉल, सिनेमाघर और राजमार्ग शामिल हैं। कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिये मेट्रो रेल प्राधिकरण और नगर निगमों के साथ बातचीत कर रही है। इसके अलावा वह इंडियन होटल टाइटन वाच शोरूम, वेस्टसाइड और क्रोमा जैसी टाटा समूह की दुकानों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी।

टाटा पावर ने एचपीसीएल, आईओसीएल और आईजीएस के खुदरा बिक्री केंद्रों पर वाणिज्यिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये समझौता किया है।

कंपनी ने मुंबई में 30 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये हैं और अगले साल इसकी संख्या बढ़ाकर 200 करने का लक्ष्य है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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