केंद्र सरकार के सामने बड़ी मुश्किल, निर्धारित लक्ष्य से करीब 2.5 लाख करोड़ कम हुआ टैक्स कलेक्शन

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से करीब ढाई लाख करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान 

नई दिल्ली: पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकार का कर संग्रह निर्धारित लक्ष्य से करीब ढाई लाख करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है। यह देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2 प्रतिशत के बराबर है।

गर्ग ने एक ब्लॉग में कहा कि कर राजस्व के नजरिए से 2019-20 एक बुरा वित्त वर्ष साबित होने जा रहा है। उन्होंने अपने लेख में लाभांश वितरण पर कर हटाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘ कर राजस्व संग्रह लक्ष्य से 2,500 अरब रुपये (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) कम रहने की संभावना है। अब समय आ गया है कि लाभांश वितरण कर को समाप्त कर दिया जाए और व्यक्तिगत आयकर कानून में सुधार लाना चाहिये।’’

Latest Videos

24.59 लाख करोड़ रुपये का अनुमान

सरकार ने बजट में कुल मिलाकर 24.59 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह होने का अनुमान लगाया है। गर्ग ने कहा, ‘‘राज्यों के हिस्से का 8.09 लाख करोड़ रुपये अलग रखे जाने के बाद बजट में केंद्र सरकार का शुद्ध राजस्व संग्रह लक्ष्य 16.50 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह 2018-19 में संग्रह किए गए 13.37 लाख करोड़ रुपये के अस्थाई..वास्तविक कर संग्रह से 3.13 लाख करोड़ रुपये यानी 23.4 प्रतिशत अधिक है।’’

काफी ऊंचा है सरकार का लक्ष्य

गर्ग ने कहा, ‘‘वास्तव में यह काफी ऊंचा लक्ष्य है।’’उन्होंने कहा कि कारपोरेट कर, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में 2019-20 में गिरावट रह सकती है। यह गिरावट क्रमश: आठ प्रतिशत, पांच प्रतिशत और 10 प्रतिशत होगी। कंपनी कर में आठ प्रतिशत, उत्पाद शुल्क 2.31 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले करीब पांच प्रतिशत कम 2.2 लाख करोड़ रुपये और सीमा शुल्क प्राप्ति 1.18 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले दस प्रतिशत कम 1.06 लाख करोड़ रुपये रह सकता है।

ढांचे में सुधार लाने का यह सही समय

गर्ग ने कहा कि कुल मिलाकर केंद्र सरकार का सकल राजस्व संग्रह 3.5 लाख से 3.75 लाख करोड़ रुपये तक कम रह सकता है। उन्होंने कहा कि यह काफी बड़ा फासला है और इसे गैर- कर राजस्व में अधिक प्राप्ति के जरिये भरना मुश्किल है। खर्च में कटौती से भी इसकी भरपाई मुश्किल लगती है। ‘‘ऐसे में राजकोषीय घाटा बजट में रखे गये 3.3 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले 0.5 से लेकर 0.7 प्रतिशत तक ऊंचा रहना तय लगता है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार के लिये कर ढांचे में सुधार लाने का यह सही समय होगा।

Share this article
click me!

Latest Videos

महाकुंभ 2025: खूबसूरत पेड़ भी करेंगे श्रद्धालुओं का वेलकम #Shorts #mahakumbh2025
सन्यासियों का 'दिव्य' महाकुंभ में 'भव्य' प्रवेश, नागा साधुओं का डांस आप में भी भर देगा जोश #shorts
Exclusive: Dr. Surya Kant on HMPV Virus: 2 मिनट में खौफ का पोस्टमॉर्टम, सुनकर टेंशन फ्री हो जाएंगे
Mahakumbh 2025 से पहले CM योगी का काम देख फैन हो गए लोग, दिल खोलकर की तारीफ
LIVE🔴: दिल्ली विधान सभा के आम चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस | ECI