यह कंपनी चीन से भारत में शिफ्ट करेगी कारोबार

इस साल अप्रैल में सरकार ने स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और 2025 तक 20 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन करने के लिए करीब 48,000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन योजनाओं की अधिसूचना जारी की थी। 

Asianet News Hindi | Published : May 16, 2020 8:08 AM IST / Updated: May 16 2020, 05:31 PM IST

नई दिल्ली। इस साल अप्रैल में सरकार ने स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और 2025 तक 20 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन करने के लिए करीब 48,000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन योजनाओं की अधिसूचना जारी की थी। घरेलू उपकरण निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत सरकार द्वारा हाल में की गई नीतिगत घोषणाओं के बाद चीन में चल रहे अपने कामकाज को भारत में शिफ्ट करने जा रही है। कंपनी ने देश में अपने मोबाइल फोन के विकास और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 800 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है। 

क्या कहा कंपनी ने 
लावा कंपनी ने कहा कि हमारे पास उत्पाद डिजाइन के लिए चीन में लगभग 600-650 कर्मचारी थे। अब हमने भारत में डिजाइनिंग को शिफ्ट कर दिया है। भारत के लिए हमारी बिक्री की जरूरतों को हमारे स्थानीय संयंत्र से पूरा किया जाएगा। लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हरिओम राय ने कहा कि हम चीन से दुनिया के बाकी हिस्सों में जो निर्यात करते थे, वह अब भारत से होगा।

सरकार ने की थी प्रोत्साहन देने की घोषणा
अप्रैल में भारत सरकार ने स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और 2025 तक 20 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए करीब  48,000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन वाली तीन योजनाओं की घोषणा की थी और इसके लिए अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) शामिल थी। इस योजना के तहत, इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को भारत में निर्मित उपकरणों की बिक्री (आधार वर्ष) पर 4-6 प्रतिशत का प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई थी।

लावा करेगी 800 करोड़ का निवेश
लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हरिओम राय ने कहा कि हम अपने ऑपरेशन को बढ़ाने के लिए अगले 5 वर्षों में 800 करोड़ रुपए के निवेश की योजना पर काम कर रहे हैं। देश में मोबाइल फोन का उत्पादन पिछले 4 वर्षों में आठ गुना यानी 2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का हो गया है। घरेलू उत्पादन के जरिए देश की मांग पूरी हो सकती है। सरकार का अनुमान है कि पीएलआई योजना के जरिए मोबाइल फोन के लिए घरेलू मूल्य वृद्धि 20-25 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से 2025 तक बढ़कर 35-40 प्रतिशत हो जाएगी और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरह से अतिरिक्त 8 लाख नौकरियां पैदा होंगी।

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