केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, एअर इंडिया के विनिवेश में इस बार नहीं आएगी दिक्कत

नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को भरोसा जताया कि एअर इंडिया के विनिवेश में इस बार दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि संभावित खरीदारों ने इसमें जो रुचि दिखाई है वह विश्वास बढ़ाने वाली है

Asianet News Hindi | Published : Feb 17, 2020 11:54 AM IST

नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को भरोसा जताया कि एअर इंडिया के विनिवेश में इस बार दिक्कत नहीं आएगी, क्योंकि संभावित खरीदारों ने इसमें जो रुचि दिखाई है वह विश्वास बढ़ाने वाली है।

उन्होंने कहा कि सरकार की यही इच्छा है कि एअर इंडिया का ध्वज आगे भी फहराता रहे। पुरी यहां एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने सरकारी क्षेत्र इस एयरलाइन के कर्मचारियों को भी आश्वस्त किया कि उनके हितों को प्रथमिकता दी जाएगी और विनिवेश में चुने गए निवेशक के साथ भविष्य की व्यवस्था तय करते समय कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

नहीं बदलेगा एयर इंडिया का नाम 

एअर इंडिया के विनिवेश के लिए कुछ हफ्ते पहले सरकार ने ‘आरंभिक सूचना ज्ञापन’ जारी किया था। इसमें नए स्वामित्व में भी एयरलाइन को एयर इंडिया नाम से ही चलाया जाएगा। पुरी ने कहा, ‘‘आपके (कर्मचारियों) भविष्य के लिए आप को सबसे बड़ा समर्थन सरकार से मिलता है। हम सिर्फ यह नहीं चाहते कि एअर इंडिया उड़ती रहे बल्कि निरंतर परिचालन करते हुए विगत कुछ वर्षों की अनिश्चिताएं खत्म हों।’’

एअर इंडिया वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही है 

उन्होंने कहा कि एअर इंडिया वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही है और यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है। पुरी ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई भी किसी एयरलाइन को बिना उन लोगों के चला सकता है जिन्होंने उसे खड़ा किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोग पुछते हैं कि (विनिवेश के बाद) कंपनी के कर्मचारियों का क्या होगा? जो भी इसका नया मालिक या प्रबंधक होगा उसे भी कर्मचारियों की जरूरत होगी। कई सालों से कंपनी में नयी भर्तियां नहीं हुई हैं। कंपनी में एक भी बेशी कर्मचारी नहीं है।’’

नागर विमानन मंत्री ने कहा, ‘‘हम कभी भी इस मुगालते में नहीं रहे कि एअर इंडिया के विनिवेश में कोई दिक्कत आएगी, आनी भी नहीं चाहिए। इसके अधिग्रहण को लेकर जो रुचि मैं देख रहा हूं और जहां से देख रहा हूं, मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं।’’ पुरी ने कहा, ‘‘कंपनी की बोली जो भी जीतेगा उसके लिए कर्मचारियों की जरूरत सबसे पहले होगी।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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