EPS 95 Scheme: क्या है ईपीएस स्कीम, कितने काम का ये प्लान, किस तरह की मिलती हैं सुविधाएं

ईपीएस 95 स्कीम (EPS Scheme 95) 16 नवंबर 1995 से प्रभाव में है। यह स्कीम उन सभी कंपनियों और संस्थानों से सारे कर्मचारियों पर लागू होती है, जिन पर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 लागू होता है।
 

Manoj Kumar | Published : Nov 2, 2022 3:57 AM IST / Updated: Nov 02 2022, 09:29 AM IST

EPS 95 Scheme. इस स्कीम की जानकारी उन सभी लोगों को होनी चाहिए जो कहीं नौकरी कर रहे हैं और ईपीएफ अकाउंट होल्डर हैं। ईपीएफओ की ईपीएस स्कीम क्या होती है, यह जानना बेहद जरूरी है। दरअसल यह स्कीम 1995 से प्रभावी है और उस सभी कंपनियों पर लागू होती है, जो कर्मचारी भविष्य निधि के दायरे में आते हैं। ईपीएफओ की ईपीएस 1995 स्कीम के तहत 1 सितंबर 2014 से 1000 रुपए की मिनिमम पेंशन की सुविधा शुरू की गई है। यह पेंशन रिटायरमेंट की 58 साल की उम्र के बाद मिलनी शुरू हो जाएगी।

किसको मिल सकती है यह सुविधा
इस शानदार स्कीम का फायदा लेना है तो आपको ईपीएओ सब्सक्राइबर होना जरूरी है, यानि ईपीएफ अकाउंट होना आवश्यक है। यदि आप ईपीएफओ सब्सक्राइबर हैं तो हर महीने एक निश्चित अमाउंट आपके ईपीएफ खाते में जमा होती है। ईपीएस 95 पेंशन स्कीम के तहत पेंशन पाने के लिए किसी कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी करनी जरूरी है। इस स्कीम के तहत कर्मचारी की रिटायरमेंट उम्र 58 साल होती है। ईपीएफ मेंबर 50 साल की उम्र से कम दर अपना ईपीएस निकाल भी सकते हैं।

क्या-क्या बेनिफिट मिलते हैं
यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो सदस्य के परिवार का एक सदस्य पेंशन पाने के लिए योग्य माना जाता है। मृत्यु की स्थिति में यदि वह कर्मचारी सदस्य है तो परिवार को अधिकतम 6 लाख रुपए का बेनिफिट दिया जाता है। ईपीएस 95 स्कीम के तहत यदि परिवार में कर्मचारी के अलावा कोई मेंबर नहीं है तो नॉमिनी को यह पैसा दिया जा सकता है। उस नॉमिनी को भी जीवनभर पेंशन की सुविधा मिलती रहेगी। अगर कर्मचारी रिटायरमेंट की उम्र से पहले 10 साल की सर्विस पूरी नहीं कर पाता है तो रिटायरमेंट की उम्र में वह पूरी धनराशि निकाल सकता है। हालांकि तब मासिक पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।

सरकार ने ताजा बदलाव क्या किया
ईपीएफओ ग्राहकों के लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है जिसके तहत अब रिटायरमेंट से 6 महीन पहले भी कर्मचारी भविष्य निधि में जमा राशि निकाली जा सकती है। श्रम मंत्रालय के अनुसार सीबीटी ने सरकार से सिफारिश की है कि छह महीन से भी कम सेवा अवधि वाले सदस्यों को भी अपने ईपीएस खाते से निकासी की सुविधा दी जानी चाहिए। सरकार ने यह सिफारिश मान ली है और अब रिटायरमेंट से 6 महीने पहले भी सदस्य यह धनराशि निकाल सकते हैं।

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