सार
ईपीएफओ से पैसा निकालने के लिए नया नियम आ गया है। बोर्ड ने फैसला किया है कि इपीएस निकासी नियमों में बदलाव किया जाए। यह उन कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है जो 6 महीने की सर्विस के बाद भी पैसा निकालना चाहते हैं। सीबीटी ने सरकार से सिफारिश की है कि ईपीए-95 प्लान में आवश्यक बदलाव किया जाए।
EPFO New Rules. ईपीएफओ से पैसा निकालने के लिए नया नियम आ गया है जो आपके लिए फायदेमंद है। इसे जानना आपके लिए जरूरी भी है। केंद्रीय बोर्ड यानी सीबीटी ने सरकार से यह सिफारिश की है कि इपीएस निकासी नियमों में बदलाव किया जाए। यह उन कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है जो अगले 6 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सीबीटी ने सरकार से सिफारिश की है कि ईपीए-95 प्लान में आवश्यक बदलाव किया जाए। माना जा रहा है कि जब रिटायरमेंट बेनिफिट फिक्स कर दिया जाएगा तो रिटायर होने वाले कर्मचारियों को ज्यादा फायदा मिलेगा। सोमवार को इंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन ने पैसा निकालने के लिए कुछ नये बदलाव का ऐलान किया है। नये नियमों के अनुसार रिटायरमेंट से 6 महीने पहले भी कोई कर्मचारी पैसे की निकासी कर सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब ग्राहक अपनी बचत की रकम को कैसे निकाल सकते हैं। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) जमा राशि अब ईपीएफओ द्वारा किए गए निर्णय के तहत छह महीने से कम की सेवा के साथ भी ग्राहकों द्वारा वापस ली जा सकती है। किसी कर्मचारी के भविष्य निधि खाते में जमा राशि को वर्तमान में केवल ईपीएफओ सदस्य ही निकाल सकते हैं, जिनकी सेवा के छह महीने से कम समय शेष हैं। ईपीएफओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था और केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने अपनी 232वीं बैठक में सरकार से मौजूदा ईपीएस-95 योजना में बदलाव करने की सिफारिश की। बोर्ड ने छह महीने में सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों को ईपीएस निकासी लाभ के विस्तार के संबंध में सरकार को सलाह दी है।
बोर्ड ने यह भी सुझाव दिया है कि जिन प्रतिभागियों ने योजना में 34 से अधिक वर्षों तक राशि जमा की है उन्हें आनुपातिक पेंशन लाभ दिया जाए। नतीजतन जब सेवानिवृत्ति लाभ तय हो जाता है तो सेवानिवृत्त लोगों को अधिक पेंशन मिलेगी। बयान के अनुसार बोर्ड ने सिफारिश की है कि जब भी ईपीएस-95 से छूट दी जाती है या रद्द की जाती है तो न्यायसंगत ट्रांसफर का मूल्य निर्धारित करना संभव है। इसके एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) यूनिट निवेश की नीति है जिसे मंजूरी दे दी गई है। बोर्ड ने 2018 में खरीदी गई ईटीएफ इकाइयों के लेनदेन के लिए भी अपनी मंजूरी दी ताकि पूंजीगत लाभ दर्ज लिया जा सके। संसद में प्रस्तुत करने के लिए यह ऑडिट रिपोर्ट अधिकृत दस्तावेजों में कर्मचारी जमा लिंक बीमा (ईडीएलआई) योजना 1976, ईपीएस योजना 1995 और ईपीएफ योजना 1952 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लेखा परीक्षित वार्षिक खाते शामिल हैं।
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