तीन हजार रुपए तक पहुंच सकता है गेहूं का भाव, ये हैं बड़ी वजह

ग्लोबल लेवल पर सप्लाई प्रभावित होने और अंतिम स्टॉक कमजोर रहने से शाॅर्ट टर्म में गेहूं की कीमतों में तेजी का रुझान बना रहेगा। इंद्रजीत कहते हैं कि शाॅर्ट टर्म में सीबीओटी पर गेहूं में 9.5 डॉलर से 12 डॉलर प्रति बुशेल के दायरे में कारोबार होने की संभावना है।

Saurabh Sharma | Published : Apr 11, 2022 7:45 AM IST / Updated: Apr 12 2022, 10:08 AM IST

बिजनेस डेस्क। आने वाले दिनों में गेहूं की बढ़ती कीमतों से फिलहाल राहत मिलती हुई नहीं दिखाई पड़ रही है। जानकारों की मानें तो शाॅर्ट से लांग टर्म में गेहूं का भाव 3,000 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच सकता है। वहीं सीबीओटी (Chicago Board of Trade) पर भी गेहूं की कीमतों में जोरदार तेजी की संभावना जताई जा रही है। ओरिगो ई-मंडी के सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल के अनुसार अप्रैल के महीने में गेहूं की कटाई जोरों पर है और यही वजह है कि कीमतों में कुछ गिरावट आ सकती है। हालांकि उनका मानना है कि कीमतों में आई गिरावट सीमित रहेगी और भाव के 2,015-2,020 रुपए प्रति क्विंटल के नीचे जाने की गुंजाइश कम है।

ग्लोबल लेवल पर गेहूं की सप्लाई कमजोर
उनका कहना है कि गेहूं में 2,270 रुपए का मजबूत रेसिस्टेंस है और उसके ऊपर भाव टिकने पर शाॅर्ट से लांग टर्म में 2,600 रुपए से 3,000 रुपए का ऊपरी स्तर दिखाई पड़ सकता है। इसके अलावा ग्लोबल लेवल पर सप्लाई प्रभावित होने और अंतिम स्टॉक कमजोर रहने से शाॅर्ट टर्म में गेहूं की कीमतों में तेजी का रुझान बना रहेगा। इंद्रजीत कहते हैं कि शाॅर्ट टर्म में सीबीओटी पर गेहूं में 9.5 डॉलर से 12 डॉलर प्रति बुशेल के दायरे में कारोबार होने की संभावना है।

Latest Videos

गेहूं की कटाई बढ़ने से फिलहाल कीमतों में करेक्शन
बता दें कि मार्च के पूरे महीने के दौरान गेहूं का भाव 2,250 रुपए से 2,420 रुपए के दायरे में कारोबार करते हुए देखा गया था। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने की वजह से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई प्रभावित हो गई थी। ग्लोबल लेवल पर सप्लाई प्रभावित होने से मार्च के पहले पखवाड़े में भारत से गेहूं एक्सपोर्ट आउटलुक के चलते कीमतों में अच्छी तेजी दर्ज की गई थी। हालांकि मार्च के आखिर से और अभी तक कटाई बढ़ने के साथ ही सरकार के द्वारा पीएमजीकेएवाई योजना की समयावधि को अगले 6 महीने के लिए बढ़ाने और ताजा आवक की वजह से शॉर्ट टर्म में कीमतों में करेक्शन दर्ज किया गया है।

यह भी पढ़ेंः- PM Kisan Samman Nidhi: इस हफ्ते से मिलनी शुरू हो जाएगी किसानों को पीएम किसान की किस्त

44.4 मिलियन मीट्रिक टन सरकारी खरीद का लक्ष्य
इंद्रजीत पॉल के अनुसार 2022-23 के लिए गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य 44.4 मिलियन मीट्रिक टन रखा गया है जो कि सालाना आधार पर 2.4 फीसदी अधिक है। अगर यह लक्ष्य पूरा हो जाता है तो इतिहास में रिकॉर्ड खरीद के रूप में दर्ज हो जाएगी। हालांकि निर्यात मांग बढ़ने की वजह से गेहूं का भाव एमएसपी के ऊपर कारोबार कर रहा है ऐसे में हमें उम्मीद है कि सरकारी खरीद लक्ष्य के 85 फीसदी तक पहुंच जाएगी। बता दें कि गेहूं की सरकारी खरीद 1 अप्रैल 2022 से शुरू हो चुकी है।

यह भी पढ़ेंः- पांच साल में इस कंपनी ने निवेशकों को मालामाल, एक लाख रुपए के बना दिए 94 लाख रुपए

कितना रह सकता है प्रोडक्शन
पिछले साल के 109.5 मिलियन मीट्रिक टन की तुलना में गेहूं का उत्पादन 111 से 112 मिलियन मीट्रिक टन के बीच रहने का अनुमान है। वहीं फसल वर्ष 2022-23 के लिए भारत से गेहूं का निर्यात सालाना आधार पर 67 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 12.5 मिलियन मीट्रिक टन रहने का अनुमान है। बता दें कि मौजूदा फसल वर्ष की पहली तिमाही के लिए भारत से पहले ही 3-3.5 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं निर्यात के सौदे तय हो चुके हैं।

Share this article
click me!

Latest Videos

Govardhan Puja 2024: कब है गोवर्धन पूजा, क्या है शुभ मुहूर्त
Arvind Kejriwal: 'दिवाली रोशनी का त्योहार, न जलाएं पटाखें' #Shorts
'अनुच्छेद 370 को हमेशा के लिए जमीन में गाड़ दिया गया' सरदार पटेल की जयंती पर क्या बोले PM मोदी
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों के साथ मनाई दिवाली, देखें- Photos
'जैसे को तैसा जवाब देना पड़ेगा' CM Yogi Adityanath ने क्यों बजरंगबली को किया याद