नैनो कार में बैठ होटल ताज पहुंचे रतन टाटा, सादगी देख लोग बोले- एक ही तो दिल है कितनी बार जीतेंगे

Published : May 19, 2022, 11:04 AM ISTUpdated : May 19, 2022, 11:05 AM IST
नैनो कार में बैठ होटल ताज पहुंचे रतन टाटा, सादगी देख लोग बोले- एक ही तो दिल है कितनी बार जीतेंगे

सार

अपनी सादगी के लिए दुनियाभर में मशहूर टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में रतन टाटा अपनी लखटकिया कार नैनो की सवारी करते नजर आ रहे हैं। टाटा का ये अंदाज देख लोग उनकी जमकर तारीफ कर रहे हैं। 

मुंबई। भारत के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) को उनकी सादगी के लिए जाना जाता है। उनकी सादगी के कई किस्से और तस्वीरें मौजूद हैं। हाल ही में रतन टाटा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रतन टाटा अपनी लखटकिया कार (TATA NANO) नैनो से होटल ताज जाते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में रतन टाटा की सादगी देख लोग सोशल मीडिया पर जमकर कमेंट्स कर रहे हैं। बता दें कि ये वीडियो मशहूर फोटोग्राफर विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। 

लोग कर रहे सादगी की तारीफ : 
इस वीडियो में रतन टाटा (Ratan Tata) व्हाइट कलर की नैनो कार में फ्रंट सीट पर बैठे दिख रहे हैं। टाटा की इस सादगी को देखकर लोग एक बार फिर उनके मुरीद हो गए हैं। एक शख्स ने कमेंट करते हुए कहा- आज के जमाने में जब लोग एक से एक लग्जरी और महंगी कारों के सपने देखते हैं, तब ये शख्स नैनो में घूम रहा है। प्रणाम करता हूं आपकी सादगी को। वहीं एक और यूजर ने लिखा- यही वजह है कि रतन टाटा लीजेंड हैं। एक अन्य शख्स ने कहा- अनमोल रतन हैं टाटा। एक अन्य यूजर ने कहा-  न रोल्स रॉयस, न हेलिकॉप्टर, सिर्फ टाटा की कड़ी मेहनत से बनाई गई कार...वाह क्या सादगी है। 

कौन हैं रतन टाटा : 
रतन टाटा (Ratan Tata) का पूरा नाम रतन नवल टाटा है। उनका जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में नवल टाटा के घर हुआ था। 85 साल के रतन टाटा ग्रुप के चेयरमैन हैं, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी। उन्होंने 1991 में जेआरडी टाटा से ग्रुप चेयरमैन का कार्यभार संभाला। बता दें कि 26 मार्च, 2008 में रतन टाटा ने फोर्ड मोटर कंपनी की जगुआर और लैंडरोवर को खरीद लिया। रतन टाटा को 2000 में पद्मभूषण, जबकि 2008 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया। 

क्या है टाटा की लखटकिया कार NANO:  
बता दें कि रतन टाटा (Ratan Tata) एक बार मुंबई में अपने ऑफिस बॉम्बे हाउस जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने रास्ते में एक ऐसे दंपती को देखा जो बारिश में स्कूटर पर भीगते हुए जा रहा था। उसमें उस दंपती के साथ बच्चे भी थे, जो फिसलन भरी सड़कों पर जा रहे थे। बस यहीं से टाटा के मन में आम आदमी के लिए कार बनाने का आइडिया आया। इसके बाद टाटा ने 2009 में इस लखटकिया कार को सड़कों पर उतार दिया था। इसे लखटकिया कार इसलिए कहते हैं क्योंकि इसकी कीमत 1 लाख रुपए के आसपास है। अब नैनो की ईवी (Electric) कार भी आ चुकी है। 

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