
मुंबई। एजुटेक स्टार्टअप कंपनी वेदांतु (Vedantu) अपने कर्मचारियों को बड़ा झटका देने वाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी 424 कर्मचारियों की छंटनी करेगी, जो कि कुल वर्कफोर्स के 7% के बराबर है। कुछ दिनों पहले कंपनी ने 200 कांट्रेक्चुअल और फुल टाइम कर्मचारियों की छंटनी की थी। इसमें वेदांतु ने 120 कॉन्ट्रैक्ट बेस कर्मचारी और 80 फुल टाइम कर्मचारियों को हटाया था। तब कंपनी की ओर से कहा गया था कि वेदांतु ने अपने 6 हजार कर्मचारियों में से करीब 3.5% लोगों की छंटनी की थी। बता दें कि वेदांतु की शुरुआत 2011 में आनंद प्रकाश, कृष्णा वामसी और पुलकित जैन ने मिलकर की थी।
इस वजह से करनी पड़ी छंटनी :
वेदांतु (Vedantu) कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ वामसी कृष्णा का कहना है कि यूरोप में जंग, मंदी की आशंका और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी के चलते महंगाई काफी बढ़ी है। भारत के अलावा पूरी दुनिया के शेयर बाजार नीचे आ चुके हैं। इस तरह भविष्य में फंड की कमी आना निश्चित है। कृष्णा वामसी के मुताबिक, कोरोना के चलते बंद रहीं ऑफलाइन क्लासेस अब पूरी तरह खुल चुकी हैं, जिससे वेदांतु ने पिछले दो सालों में जो ग्रोथ पाई थी वो अब कम हो गई है।
मई में दूसरी बार की कर्मचारियों की छंटनी :
वेदांतु (Vedantu) ने मई में ही दूसरी बार कर्मचारियों की छंटनी की है। एजुटेक सेक्टर की कुछ और कंपनियों ने भी छंटनी की है। इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना के बाद स्कूलों का खुलना है। दूसरी ओर, वेदांतु के सीईओ का कहना है कि जिन कर्मचारियों को दोबारा रखने पर चर्चा चल रही है उन्हें एचआर और उनके लीडर्स के साथ बातचीत के लिए एक मेल किया जाएगा।
इन स्टार्टअप ने भी की छंटनी :
पिछले महीने अप्रैल में अनएकेडमी (Unacademy) ने करीब 600 कर्मचारियों की छंटनी की थी। ये उनके कुल वर्कफोर्स के 10% के बराबर था। इससे पहले फरवरी के आखिर में एक और स्टार्टअप लीडो लर्निंग ने भी अपने 1200 कर्मचारी निकाल दिए थे। कंपनी ने ऐसा इसलिए किया था कि क्योंकि वो पैसों की तंगी से जूझ रही थी। वहीं अप्रैल में एक और स्टार्टअप मीशो ने 150 कर्मचारियों की छंटनी की थी।
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