Global economic report में वैश्विक मंदी का अंदेशा, भारत की आर्थिक वृद्धि 2022-23 में 8.7% रहने की उम्मीद

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू और अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर अपने निकटतम भौगोलिक पड़ोसियों की तुलना में मजबूत होगी। दक्षिण एशिया क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के 7.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान था।

नई दिल्ली। विश्व बैंक (World Bank) की ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट (Global economic prospects report) के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 8.3 प्रतिशत और 2022-23 में 8.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। वर्ल्ड बैंक की ग्लोबल इकोनॉमिक्स प्रॉस्पेक्ट्स मंगलवार को जारी किया गया। विश्व बैंक ने अक्टूबर 2021 में जारी अपने अंतिम अनुमान में भी चालू वित्त वर्ष (2021-22) के लिए 8.3 प्रतिशत जीडीपी विकास की भविष्यवाणी की थी। 

पड़ोसी देशों से मजबूत होगी भारत की अर्थव्यवस्था

Latest Videos

रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू और अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर अपने निकटतम भौगोलिक पड़ोसियों की तुलना में मजबूत होगी।
बांग्लादेश के 2021-22 और 2022-23 में क्रमशः 6.4 और 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जबकि नेपाल की विकास दर चालू वित्त वर्ष में 3.9 प्रतिशत और अगले वित्तीय वर्ष में 4.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 3.4 प्रतिशत और 2022-23 में 4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

वैश्विक आर्थिक विकास रिपोर्ट के अनुसार आएगी मंदी

वैश्विक आर्थिक विकास रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि इस साल स्पष्ट रूप से मंदी आएगी क्योंकि कोरोना वायरस का प्रकोप और आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित कर रहा है। कई सरकारों द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रम समाप्त होने वाले हैं।इसने आगे भविष्यवाणी की कि 2021 में अनुमानित 5.5 प्रतिशत से वैश्विक विकास इस वर्ष 4.1 प्रतिशत तक धीमा हो जाएगा, लेकिन चेतावनी दी कि ओमीक्रोन से संबंधित आर्थिक व्यवधान विकास को काफी कम कर सकते हैं जोकि 3.4 प्रतिशत के रूप में कम हो सकता है।

हालांकि, भारत के लिए विश्व बैंक के अनुमानों ने महामारी के बाद का संकेत दिया है। 31 मार्च को, बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 21-22 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.5 से 12.5 प्रतिशत के बीच हो सकती है।

अप्रैल-मई में, भारत 3,00,000 से अधिक दैनिक नए मामलों के साथ घातक कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा था, चिकित्सा ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी के कारण अस्पतालों और स्वास्थ्य प्रणाली को चरमरा गया। इस अवधि में आर्थिक गतिविधियों की एक श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित हुई।

दूसरे COVID-19 झटके पर विचार करने के बाद, अक्टूबर की शुरुआत में जारी दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 8.3 प्रतिशत बढ़ने की ओर अग्रसर है। दक्षिण एशिया क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के 7.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान था।

संयोग से सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 8 जनवरी को जारी पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि 9.2 प्रतिशत रहने की संभावना है। अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्वानुमान से कम है, जिसने दिसंबर में कहा था कि चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने की संभावना है।

यह भी पढ़ें:

महंगाई के खिलाफ Kazakhstan में हिंसक प्रदर्शन, 10 से अधिक प्रदर्शनकारी मारे गए, सरकार का इस्तीफा, इमरजेंसी लागू

New Year पर China की गीदड़भभकी, PLA ने ली शपथ-Galvan Valley की एक इंच जमीन नहीं देंगे

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी