WHO के बयान के मुताबिक वैक्सीन ले रहे देशों से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। हालांकि यह तय नहीं किया गया है कि उचित कार्रवाई क्या होगी। वहीं डब्ल्यूएचओ ने कहा कि टीका प्रभावी है और कोई सुरक्षा चिंता नहीं है।,
बिजनेस डेस्क। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने शनिवार को कहा कि उसने इंडिया के भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई COVID-19 वैक्सीन Covaxin की संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों (United Nations agencies) के जरिए सप्लाई को सस्पेंड कर दिया है, इससे वैक्सीन निर्माता को अपनी सुविधाओं को अपग्रेड करने और टेस्टिंग में पाई गई कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी ।
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टीका असरदार है, कोई सुरक्षा चिंता नहीं
डब्ल्यूएचओ ने बयान के अनुसार वैक्सीन ले रहे देशों से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। हालांकि यह तय नहीं किया गया है कि उचित कार्रवाई क्या होगी। वहीं डब्ल्यूएचओ ने कहा कि टीका प्रभावी है और कोई सुरक्षा चिंता नहीं है, हालांकि एक्सपोर्ट के लिए प्रोडक्शन को सस्पेंड करने से कोवैक्सिन की सप्लाई बाधित होगी। संस्था ने कहा कि निलंबन का फैसला 14 से 22 मार्च तक डब्ल्यूएचओ पोस्ट इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (ईयूएल) निरीक्षण के बाद किया गया है। वहीं वैक्सीन निर्माता ने एक्सपोर्ट के लिए कोवैक्सिन के प्रोडक्शन को सस्पेंड करने की अपने कमिटमेंट को पूरा करने के संकेत दिए हैं।
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भारत बायोटेक की तरफ से कोई रिेएक्शन नहीं
वहीं भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने डब्ल्यूएचओ के इस बयान पर कोई रिएक्शन नहीं दिया है। शुक्रवार को, वैक्सीन निर्माता ने कहा कि यह कोवैक्सिन के उत्पादन को कम किया गया है, क्योंकि देश में संक्रमण और व्यापक टीकाकरण कवरेज में गिरावट के साथ-साथ अब डिमांड कम हो रही है।
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कोवैक्सीन की अपग्रेडिंग
हालांकि डब्ल्यूएचओ की टेस्टिंग के दौरान कंपनी ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल के मद्देनजर किए गए निरीक्षण के बाद वैक्सीन में मौजूदा हालातों के मद्देनजर सुधार लाने तथा उसे और विकसित करने की प्रोसेस पर रिसर्च जारी है। इससे यह सुनिश्चित हो जाए कि कोवैक्सीन वर्तमान परिस्थितियों के साथ बदल रही ग्लोबल जरुरतों को पूरा करता रहे।
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