कई लोग दिल खोलकर प्रधानमंत्री की राहत कोष में दान कर रहे हैं। ऐसे ही दिल्ली की लेन्सर स्कूल की 12वीं की छात्रा संस्कृति यादव ने भी मिसाल पेश की है।
नई दिल्ली. भारत में जानलेवा कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण लॉक डाउन चल रहा है। मार्च से 14 अप्रेल तक देश बिल्कुल बंद रहेगा। जानलेवा कोरोना वायरस से भारत में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं 600 से ज्यादा लोग संक्रमित बताए जा रहे हैं। घातक वायरस ने दुनिया में हजारों लोगों की जान लील ली। ऐसे में लोग सरकार की मदद कर रहे हैं। इस समय नवरात्रि भी शुरू हो गए हैं तो एक बच्ची कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए देवी बनकर आई है।
इस घातक वायरस से देश में अब तक 17 मौत हो चुकी हैं। देश में स्वास्थ्य़ सुविधाओं की कमी न और ये वायरस देश में महामारी न फैला दें इसलिए बड़े-बड़े स्टार्स राहत कोष में रूपया दान कर रहे हैं। भारत सरकार गरीबों, दिहाड़ी मजदूर और संगठित क्षेत्र के लोगों के मदद के लिये बहुत कुछ कर रही है। ऐसे में कई लोग दिल खोलकर प्रधानमंत्री की राहत कोष में दान कर रहे हैं।
दान कर दिया बचत का पैसा
ऐसे ही दिल्ली की लेन्सर स्कूल की 12वीं की छात्रा संस्कृति यादव ने भी मिसाल पेश की है। उन्होंने अपने पर्सनल सेविंग से प्रधानमंत्री के राहत कोष में ढाई लाख रुपये का दान दिया है।
लोगों की जान बचाने में अपना योगदान दिया
संस्कृति का कहना है वह प्रधानमंत्री मोदी के कोरोनावायरस से लोगों को बचाने के लिये किये जा रहे काम से प्रभावित हैं, लिहाजा वो भी इस महान काम मे अपना योगदान दे रही है। संस्कृति ने इस रकम का दान प्रधानमंत्री राहत कोष में डिजिटली ट्रांसफर कर किया है।
स्टूडेंट्स ने बनाया हर्बल हैंड सैनिटाइजर
बता दें कि कोरोनावायरस से जंग लड़ने में स्टूडेंट्स भी बेहद अहम रोल प्ले कर रहे हैं और देश को इस मुश्किल से बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में आईआईटी रुड़की के स्टूडेंट्स ने एक हर्बल हैंड सैनिटाइजर तैयार किया है, जिसे Heal-agnostics Innovations Pvt. Ltd नाम का स्टार्ट-अप फ्री में बांटेगा। इस स्टार्टअप में आईआईटी रुड़की के रिसर्च स्कॉलर भी शामिल हैं, जिन्होंने ये हर्बल हैंड सैनिटाइजर बनाया है।
भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी कोरोना आपदा के लिए राहत कोष में 50 लाख का दान किया है। वहीं पुणे में मजदूरों को खाना खिलाने के लिए महेंद्र सिं धोनी ने 100 परिवार की मदद के लिए 1 लाख दान किए हैं।
(प्रतीकात्मक तस्वीर)