MP के सरकारी स्कूलों में 9वीं-11वीं की परीक्षाएं रद्द, छात्रों को बेस्ट फाइव के आधार पर दिए जाएंगे मार्क्स

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को स्थागित कर दिया गया है। रिवीजन टेस्ट और अर्द्धवार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा। यदि छात्र दो से अधिक विषयों में न्यूनतम अंक प्राप्त नहीं कर पाता है तो उसे परीक्षा के लिए एक मौका दिया जाएगा। 

करियर डेस्क. कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। संक्रमण की दूसरी लहर के बीच मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं की परीक्षा (Board Exam) को स्थगित कर दिया गया है। इसी बीच अब प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों (Government schools) में कक्षा 9वीं एवं 11वीं की वार्षिक परीक्षा नहीं कराने का निर्णय लिया गया है। छात्रों का मूल्यांकन (Evaluation) इस सत्र में लिए गए रिवीजन टेस्ट और अर्द्धवार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा।

30 अप्रैल को जारी होगा रिजल्ट
प्रदेश में वर्तमान कोरोना संक्रमण के विस्तार और जिलों में कोरोना कर्फ्यू की स्थिति के देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी स्कूलों में 30 अप्रैल तक रिजल्ट  घोषित करना है।

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क्या है बेस्ट फाइव
आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत ने बताया कि विभाग द्वारा 20 नवंबर से 28 नवंबर तक लिए गए रिवीजन टेस्ट और एक फरवरी से 9 फरवरी तक आयोजित अर्द्धवार्षिक परीक्षा में से विद्यार्थियों द्वारा जिसमें बेहतर अंक प्राप्त किए हो, उसके आधार पर कक्षा नौवीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। परीक्षा परिणाम की गणना बेस्ट फाइव के आधार पर की जाएगी, यदि विद्यार्थी छह में से पाच विषय में पास है और एक विषय में न्यूनतम निर्धारित 33 अंक प्राप्त नहीं कर सका हो, तो भी उसे पास घोषित किया जाएगा।

एक से अधिक विषयों में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए अधिकतम 10 अंक कृपांक के रूप में प्रदान किए जा सकेंगे। कृपांक के अधिकतम 10 अंक आवश्यकता अनुसार एक से अधिक विषयों में भी आवंटित किए जा सकेंगे। यदि विद्यार्थी को दो अथवा अधिक विषयों में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त नहीं हुए हो, तो उसे परीक्षा के लिए एक अवसर प्रदान किया जाएगा। ऐसे विषय, जिनमें विद्यार्थी द्वारा पूर्व परीक्षा में न्यूनतम निर्धारित अंक प्राप्त नहीं किए गए थे, उन्हें उन विषयों में पुनः परीक्षा देनी होगी। द्वितीय अवसर उन विद्यार्थियों को भी दिया जाएगा, जो रिवीजन टेस्ट एवं अर्द्धवार्षिक परीक्षा दोनों में से किसी भी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए थे लेकिन उन्होंने सत्र 2020-21 में शासकीय विद्यालय में प्रवेश लिया था।  

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