ससुराल में सहना पड़ा जुल्म, न्याय पाने की जिद से पढ़ाई पर दिया ध्यान; आज जज है ये बेटी

ससुराल वालों के उत्पीड़न और जुल्म का शिकार होने के बाद इस लड़की ने न्याय पाने के लिए अदालतों के चक्कर काटे, लेकिन परेशान होकर आखिर उसने खुद न्यायिक सेवा में आने का फैसला लिया और कठिन संघर्ष कर इसमें सफल रही।

करियर डेस्क। कई बार कुछ ऐसी परिस्थितियां आती हैं जो जिंदगी की दिशा ही बदल देती हैं। लेकिन इसके लिए कठिन संघर्ष के एक दौर से गुजरना होता है। ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के वृंदावन की रहने वाली अवनिका गौतम के साथ। अवनिका गौतम की शादी साल 2008 में जयपुर में हुई थी। लेकिन दहेज उत्पीड़न की शिकार होने के बाद उन्होंने न्याय पाने के लिए अदालतों के खूब चक्कर काटे और इसके बाद खुद न्यायिक सेवा में आने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू की और आज वह झारखंड हाईकोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार (ज्यूडिशियल) के पद पर काम कर रही हैं। 

बेटी होने के बाद ससुराल वालों ने घर से निकाला
शादी के बाद कुछ समय तक तो सब ठीकठाक चल रहा था, लेकिन बाद में ससुराल वालों ने दहेज की मांग शुरू कर दी। ससुराल वालों ने दहेज के लिए उनका मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। अवनिका यह सोच कर सब सहती रहीं कि शायद कुछ समय के बाद हालात बदल जाएं। लेकिन जब उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया तो ससुराल वालों ने उनका और भी ज्यादा उत्पीड़न करना शुरू कर दिया। पति भी उनका उत्पीड़न करने में पीछे नहीं था। यही नहीं, ससुराल वालों ने अवनिका को घर से भी निकाल दिया। अवनिका अपनी बेटी के साथ अपने मायके वृंदावन आ गईं, लेकिन उन्होंने सोच लिया कि वह चुप नहीं बैठेंगी और ससुराल वालों को सजा दिला कर ही रहेंगी। 

Latest Videos

काटने शुरू किए अदालत के चक्कर
इसके बाद अवनिका ने अदालत में ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई और वकीलों के चक्कर काटने शुरू कर दिए। अदालत का चक्कर काट-काट कर वे काफी परेशान हो गईं। वकीलों ने भी उन्हें ज्यादा सहयोग नहीं किया। हर बार वे सिर्फ उनसे फीस की वसूली कर लेते थे। अवनिका को  लगा कि इस तरह तो उन्हें इंसाफ मिल पाना मुश्किल है। आखिर उन्होंने खुद न्यायिक सेवा में आने का फैसला किया।

दिल्ली में आकर शुरू की तैयारी
अवनिका ने सोचा कि मायके में रह कर उनके लिए प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर पाना संभव नहीं होगा। उन्होंने दिल्ली आने का फैसला किया। एक छोटी-सी बच्ची के साथ दिल्ली जैसे महानगर में रह पाना आसान नहीं था। लेकिन अवनिका ने हिम्मत नहीं हारी और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लगी रहीं। उन्होंने साल 2012 में न्यायिक परीक्षा के लिए तैयारी शुरू की और 2014 में उन्हें इसमें सफलता मिल गई। उनका चयन झारखंड पीसीएस-जे के लिए हो गया। इस तरह अवनिका ने यह दिखा दिया कि अगर किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्प ले लिया जाए और मेहनत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाए तो सफलता आखिरकार मिल कर ही रहती है। आज अवनिका अपनी बेटी के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रही हैं। 

Share this article
click me!

Latest Videos

Manmohan Singh Death के बाद Navjot Singh Sidhu Speech Viral, मुस्कुराने लगे थे मनमोहन और सोनिया
Manmohan Singh Death News: जुड़े हाथ, भावुक चेहरा... मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन को पहुंचे PM Modi
संभल में खुदाई में दिखा एक और प्राचीन गलियारा, मुख्य गेट और सीढ़ियां #Shorts
Manmohan Singh Death News: जब नवजोत सिंह सिद्धू ने मांगी थी मनमोहन सिंह से माफी #Shorts
Manmohan Singh को हमेशा चुभती थी ये बात, योगी के मंत्री ने बताया अनसुना किस्सा