इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दीनदयाल उपाध्याय चेयर की स्थापना की भी घोषणा की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े हुए पदों को जल्द ही भरा जाएगा।
करियर डेस्क. इलाहाबाद विश्वविद्यालय (University of Allahabad) में खाली पद जल्द भरे जाएंगे। यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह (convocation) में कही। दीक्षांत समारोह में शैक्षिक सत्र 2018-19 तथा 2019-20 के मेधावी छात्र और छात्राओं को 264 पदक और 550 को पीएचडी (P.hD) की उपाधि दी गई।
मुख्य अतिथि के तौर पर दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इलाहाबाद महर्षि भारद्वाज की तपोभूमि है। यह चंद्रशेखर आजाद की बलिदान भूमि है। प्रयागराज से उनका अनोखा संबंध है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री बनने के बाद पहली बार उन्होंने किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत की। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ समाजोपयोगी शोध भी वक्त की जरूरत है। सिर्फ रिसर्च जनरल के लिए शोध न किया जाए , बल्कि ऐसे शोध पर जोर दिया जाए जिससे समाज का हित हो।
उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दीनदयाल उपाध्याय चेयर की स्थापना की भी घोषणा की। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रिक्त पड़े हुए पदों को जल्द ही भरा जाएगा। दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी भी शामिल हुईं।
550 छात्रों को मिली पीएचडी की डिग्री
263 टॉपर्स को मेडल और तकरीबन 550 शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री दी गई। पिछले साल कोविड के कारण दीक्षांत समारोह नही हो पाया था इस कारण से कारण इस बार एक साथ दो सत्रों 2018-19 और 2019-20 मेधावियों को पदक एवं डिग्री दी गई। समारोह के दौरान पहली बार दो सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को द्रोणाचार्य और दो सर्वश्रेष्ठ शोधार्थियों को मेघनाद साहा अवार्ड मिला।
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