कोरोना काल में इस राज्य सरकार ने माफ की स्कूल में बच्चों की 25 परसेंट फीस, पैरेंट्स हो जाएंगे खुश

साथ ही कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह से तमाम बच्चों या छात्रों के पैरेंट्स की आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ा। ऐसे में सरकारें इस बात पर विचार कर रही हैं कि उनके स्कूल की फीस को न बढ़ाई जाए।

Asianet News Hindi | Published : Aug 15, 2020 12:13 PM IST

करियर डेस्क. पूरे देश में फैले कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के चलते पिछले कई महीनों से स्कूल- कॉलेज बंद हैं। बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) दी जा रही है ताकि उनकी पढ़ाई का भी नुकसान न हो और उनके स्वास्थ्य की भी सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सके। 

साथ ही कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह से तमाम बच्चों या छात्रों के पैरेंट्स की आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक रूप से प्रभाव पड़ा। ऐसे में सरकारें इस बात पर विचार कर रही हैं कि उनके स्कूल की फीस को न बढ़ाई जाए।

असम सरकार ने उठाया कदम

इसी कड़ी में असम सरकार ने एक सरकुलर जारी करके प्राइवेट स्कूलों को इस साल के लिए 25 फीसदी माफ करने का निर्देश दिया है। सरकुलर के मुताबिक स्कूल फीस सभी छात्रों के लिए प्रि-प्राइमरी लेबल से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए माफी कर दी जाएगी। सरकार ने 14 अगस्त को सरकुलर जारी किया और शिक्षा मंत्री हेमंत विस्व सर्मा ने इस ट्विटर पर भी अपलोड कर दिया। यह फीस माफी मई से लेकर स्कूलों को खोले जाने तक लागू रहेगा।

शिक्षा मंत्री ने ट्वीट में कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए हमने प्राइवेट स्कूलों को सलाह दी है कि वे प्रि-प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए 1 मई से लेकर स्कूलों के खोले जाने तक छात्रों की 25 फीसदी फीस को माफ कर दिया जाए।

फीस का होगा समायोजन

जिन पैरेंट्स से स्कूल ने पहले से ही फीस कलेक्ट कर ली है उसे अगले इन्स्टॉलमेंट के लिए समायोजित यानी एडजस्ट करना होगा। एकय बयान में कहा गया कि असम में लोगों की आय पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है और ऐसे में वे लॉकडाउन तक स्कूल की फीस पेमेंट करने में सक्षम नहीं हैं।

मई से माफ होगी फीस

लगभग सारे स्कूल ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं इसलिए वे इलेक्ट्रिसिटी, मेनटेनेंस और अन्य खर्चों की बचत भी कर रहे हैं। ऐसे में उनकी लागत घटी है। इन परिस्थितियों में फीस घटाई जा रही है ताकि पैरेंट्स को सहायता पहुंचाई जा सके। हालांकि, यह भी कहा गया है कि सारे पैरेंट्स सितंबर अंत कर फीस की पेमेंट कर दें ताकि टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलरी दी जा सके। 

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