बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लॉ स्टूडेंट्स के लिए राहत भरा फैसला लिया है। इन स्टूडेंट्स को पिछले एग्जाम्स और इस साल के इंटर्नल एग्जामिनेशन के बेसिस पर प्रमोट किया जाएगा। लेकिन तीन साल या पांच साल के लॉ कोर्स के अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन परीक्षाएं देनी होंगी।
नई दिल्ली. No Exam For Law Students: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लॉ स्टूडेंट्स के लिए बड़ा फैसला देते हुये यह कहा है कि इस साल के सभी लॉ स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। केवल फाइनल इयर स्टूडेंट्स की परीक्षाएं होंगी वो भी ऑनलाइन मोड में। कोरोना की वजह से यह फैसला लिया गया है। दरअसल काफी समय बीतने के बाद भी कोरोना केसेस में कमी नहीं आ रही है।
यहां तक कि लॉकडाउन हटने के बाद केस और तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने लॉ स्टूडेंट्स के लिए राहत भरा फैसला लिया है। इन स्टूडेंट्स को पिछले एग्जाम्स और इस साल के इंटर्नल एग्जामिनेशन के बेसिस पर प्रमोट किया जाएगा। लेकिन तीन साल या पांच साल के लॉ कोर्स के अंतिम वर्ष के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन परीक्षाएं देनी होंगी।
ऑनलाइन परीक्षा या प्रोजेक्ट रिपोर्ट –
जहां फाइनल इयर स्टूडेंट्स की परीक्षाएं ऑनलाइन कंडक्ट करायी जाएगीं वहीं वे स्टूडेंट्स जिन्होंने पिछले सालों में अपने सभी पेपर पास नहीं किये हैं, उन्हें सप्लीमेंट्री एग्जाम देना होगा। फाइनल इयर के स्टूडेंट्स या सप्लीमेंट्री एग्जाम देने की श्रेणी में आने वाले स्टूडेंट्स दोनों ही या तो ऑनलाइन पेपर दे सकते हैं या फिर प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर सबमिट कर सकते हैं।
लॉ यूनिवर्सिटीज़ खुद लें फैसलें
लॉ यूनिवर्सिटीज़ को इस बाबत सूचना दे दी गयी है कि वे जिस भी तरीके का पालन करना चाहें कर सकती हैं। उन्हें हर पेपर की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवानी है, ऑनलाइन परीक्षाएं कंडक्ट करानी है या इंटर्नल असेसमेंट के मार्क्स डबल करने हैं, ये उनके ऊपर है।
कोविड -19 गाइडलाइंस का पालन करें
यही नहीं यूनिवर्सिटीज़ को ये भी निर्देश दिये गये हैं कि वे कोविड -19 को लेकर सारी गाइडलाइंस का पालन करें। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें और समय-समय पर क्लासरूम्स सैनिटाइज़ करायें। बीसीआई का कहना है कि स्टूडेंट्स की सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही इस बात का ध्यान भी रखा जाएगा कि परीक्षा आयोजन के समय सभी नियमों का ठीक से पालन हो।