MPhil या PhD.. करियर के लिए कौन-सा कोर्स बेहतर, जानें दोनों में मुख्य अंतर
एमफिल दो साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स होता है। कॉमर्स, लॉ, ह्यूमैनिटीज, टीचिंग और साइंस स्ट्रीम के छात्र इसे कर सकेत हैं। वहीं, पीएचडी पढ़ाई का आखिरी पड़ाव होता है। आइए जानते हैं दोनों कोर्स के बारें में विस्तार से..
करियर डेस्क : कई बार पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद एमफिल (MPhil) और पीएचडी (PhD) को लेकर कई बार कंफ्यूजन होता है। करियर (Career Options) के लिहाज से दोनों में से कौन-सा कोर्स चुने? दोनों में क्या मुख्य अंतर और इसे करने के बाद कहां-कहां अपॉर्च्युनिटी मिल सकती हैं? ऐसे सवाल मन में आते हैं। अगर आप भी एमफिल (Master of Philosophy) और पीएचडी (Doctor of Philosophy) को लेकर कंफ्यूज हैं, तो जानें दोनों कोर्स में अंतर और कौन-सा करियर के लिए बेहतर..
एमफिल और पीएचडी में मुख्य अंतर
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एमफिल डेढ़ से दो साल का कोर्स होता है। जबकि पीएचडी कम से कम तीन साल और अधिक से अधिक छह साल का कोर्स होता है।
अगर आप पीएचडी करना चाहते हैं तो आपको एंट्रेंस एग्जाम पास करना होगा जबकि एमफिल परफोर्मेंस के आधार पर भी कर सकते हैं।
एमफिल कोर्स के दौरान बैलेंस थ्योरी सब्जेक्ट और एक्सपेरिमेंट्स पर पढ़ाई होती है, जबकि पीएचडीरिसर्च मेथड्स और एक्सपेरिमेंट्स पर आधारित होता है। पीएचडी में सिर्फ 2 से 3 थ्योरी के विषय ही पढ़ना पड़ता है।
एमफिल में कई रिसर्च वर्क को आप कंबाइंड कर लिख सकते हैं। जबकि पीएचडी की थीसिस खुद की ओरिजिनल रिसर्च होती है।
एमफिल या पीएचडी कौन बेस्ट
एमफिल कोर्स कंप्लीट करने के बाद आप टीचिंग में करियर बना सकते हैं। इसके साथ ही एमफिल होल्डर्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट के कई क्षेत्रों में भी अपना करियर बना सकते हैं।
एमफिल करने के बाद आपको एक एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता है। आप किसी बड़ी कंपनी में एडवाइजर के तौर पर नौकरी कर सकते हैं। आप जिस सब्जेक्ट से पढ़ाई करते हैं। उसी आधार पर नौकरी और पोस्ट ऑफर की जाती है।
पीएचडी के बाद जॉब की ढेरों संभावनाएं हैं। यहां बेहतर करियर के लिए रास्ते ही रास्ते खुलते हैं। पीएचडी होल्डर बड़े से बड़े क्षेत्र कि समस्याओं को हल करने की क्षमता रखते हैं। एकेडमिक में भी करियर के ढेर सारे मौके होते हैं।