Children's Day 2022 : 14 नवंबर नहीं इस दिन मनाया जाता था बाल दिवस, जानें इतिहास और 10 दिलचस्प फैक्ट्स

Published : Nov 14, 2022, 09:27 AM ISTUpdated : Nov 14, 2022, 09:37 AM IST
Children's Day 2022 : 14 नवंबर नहीं इस दिन मनाया जाता था बाल दिवस, जानें इतिहास और 10 दिलचस्प फैक्ट्स

सार

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। उन्हें बच्चों के काफी लगाव था और बच्चे भी उनसे काफी प्यार करते थे।

करियर डेस्क : स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के जन्मदिन 14 नवबर को हर साल बाल दिवस (Children's Day 2022) मनाया जाता है। पंडित नेहरू को बच्चों से काफी लगाव था और बच्चे भी उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे। नेहरू का मानना था कि बच्चे हमारा भविष्य हैं और इसीलिए उनके जीवन को एक सांचे में रखकर संवारना चाहिए। पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को हुआ था। उन्हीं के जन्मदिन के उपलक्ष्य में बाल दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं बाल दिवस पर चाचा नेहरू से जुड़ी 10 बातें और इस दिन का इतिहास और महत्व..

पहले 14 नवंबर को नहीं मनाया जाता था बाल दिवस
पंडित नेहरू कहा करते थे कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं। इसलिए उनका ध्यान जिस तरीके से रखा जाएगा, वही भारत का भविष्य होगा। साल 1964 में जवाहर लाल नेहरू का निधन हो गया और उनकी याद में संसद ने 14 नवंबर उनके जन्मदिन को बाल दिवस मनाने का प्रस्ताव जारी किया। इससे पहले तक भारत में 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता था।

पं. नेहरू के बारें में 10 दिलचस्प बातें

  1. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कश्मीर के पंडित परिवार से थे। दो बहनों में पंडित नेहरू दूसरे नंबर पर थे। उनसे बड़ी बहन का नाम विजय लक्ष्मी पंडित था और छोटी बहन कृष्णा हुथीसिंह थीं।
  2. पंडित नेहरू को आज तक नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है लेकिन 1950 और 1955 के बीच 11 बार उनका नाम नामांकित किया गया था। शांति के लिए उनका नाम इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
  3. पंडित नेहरू ने 1907 में कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में एडमिशन लिया था। 1910 में नैचुरल साइंस में ऑनर्स की डिग्री पूरी की थी।
  4. अगस्त 1912 में जवाहर लाल नेहरू भारत लौट आए थे और इलाहाबाद हाईकोर्ट में बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की।
  5. 1916 में पंडित नेहरू एनी बीसेंट की होम रूल लीग में बतौर कार्यकर्ता शामिल हुए। 1929 में उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया और उन्होंने कांग्रेस की तरफ से आजादी की लड़ाई का नेतृत्व किया।
  6. पंडित नेहरू पहले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने साल 1927 में पूर्ण राष्ट्रीय स्वतंत्रता का प्रस्ताव रखा था। भारतीय सिविल सेवा और ब्रिटिश साम्राज्य के लिए भारतीयों को बाध्य करने वाले सभी संबंधों को छोड़ दिया था। 
  7. देश की आजादी की लड़ाई में उन्होंने बढ़कर हिस्सा लिया और 9 बार जेल भेजे गए। पंडित नेहरू 3,259 दिनों तक जेल में रहे। 
  8. 1935 में जेल में रहते हुए उनकी एक आत्मकथा लिखी गई। जिसका नाम था 'टुवार्ड फ्रीडम'। 1936 में संयुक्त राज्य अमेरिका में इसे जारी किया गया।
  9. 27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में 1.5 मिलियन लोग शामिल हुए।
  10. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को 'आधुनिक भारत का शिल्पकार' कहा जाता है।

इसे भी पढ़ें
जवाहरलाल नेहरू की जिंदगी से जुड़े 3 रोचक किस्से, जिनके बारे में शायद ही जानते हैं लोग

Children's day 2022: बच्चों के साथ छुट्टी को करना है इंजॉय, तो उनके साथ देखे यह मजेदार शो


 

PREV

Recommended Stories

कौन थी सिमोन टाटा? जानिए रतन टाटा की सौतेली मां की शानदार उपलब्धियां
BPSC AEDO Salary: बिहार असिस्टेंट एजुकेशन डेवलपमेंट ऑफिसर को कितनी सैलरी मिलेगी?