गरीबी में दिन गुजारे, सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और बना सबसे कम उम्र का IPS ऑफिसर

कहते हैं कि जिसने अपने मन में किसी लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प ले लिया और इसके लिए किसी भी कठिनाई से जूझने में पीछे नहीं हटा, सफलता जरूर उसके कदम चूमती है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 16, 2019 9:47 AM IST / Updated: Dec 16 2019, 03:22 PM IST

करियर डेस्क। कहते हैं कि जिसने अपने मन में किसी लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प ले लिया और इसके लिए किसी भी कठिनाई से जूझने में पीछे नहीं हटा, सफलता जरूर उसके कदम चूमती है। गुजरात के सूरत के रहने वाले साफिन हसन की कहानी कुछ ऐसी ही है। उनका बचपन घोर गरीबी में बीता। उनकी शिक्षा सरकारी स्कूलों में गुजराती माध्यम से हुई, लेकिन लगातार मेहनत और संघर्षों के बलबूते उन्होंने साल 2017 की यूपीएससी की परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की। आज वे देश के सबसे कम कम उम्र के आईपीएस ऑफिसर हैं। 

कायम की मिसाल 
साफिन हसन ने महज 22 साल की उम्र में आईपीएस ऑफिसर बन कर एक मिसाल कायम की है। उन्हें गुजरात के जामनगर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है, जहां वे 23 दिसंबर को अपना कार्यभार संभालेंगे। 

सरकारी स्कूल में की पढ़ाई
साफिन हसन की प्रारंभिक पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई। वहां गुजराती मीडियम में पढ़ाई होती थी। साफिन बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। उन्हें 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक मिले। इससे उनका उत्साह काफी बढ़ा। 11वीं से उन्होंने अंग्रेजी सीखनी शुरू की। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने साइंस स्ट्रीम में की।  

आर्थिक संकट में फंसा परिवार
साफिन के पेरेंट्स हीरे की प्रोसेसिंग यूनिट में काम करते थे। साल 2000 में उनका घर बन रहा था, लेकिन मंदी के कारण उनके माता-पिता की नौकरी चली गई। इससे परिवार को भारी आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा। फिर घर चलाने के लिए उनके माता-पिता ने मजदूरी शुरू कर दी। पिता इलेक्ट्रिशियन का काम जानते थे। जब उन्हें यह काम मिलता तो करते, फिर रात में ठेला लगा कर उबले अंडे और चाय बेचते। उनकी मां भी घरों में जाकर रोटियां बनाने का काम करतीं। साफिन माता-पिता की इस परेशानी को देख कर बहुत दुखी होते। लेकिन उसी समय उन्होंने ठान लिया कि कुछ बन कर दिखाना है। 

कैसे मिली सिविल सर्विस में आने की प्रेरणा
साफिन हसन बताते हैं कि जब वे प्राइमरी स्कूल में थे तो एक बार वहां कलेक्टर आए। लोग उनका बहुत सम्मान कर रहे थे। यह देख ककर साफिन बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने सोच लिया कि उन्हें भी इसी तरह के पद पर पहुंचना है। ग्रैजुएशन करने के साथ ही वे यूपीएससी की परीक्षा की तैयारियों में लग गए। साफिन हसन ने सबसे पहले इस परीक्षा के पूरे पैटर्न को समझा और उसी के हिसाब से तैयारी शुरू की। उनका कहना है कि यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए विषय की गहरी समझ तो होनी ही चाहिए, साथ ही लैंग्वेज पर भी अच्छी पकड़ होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सवालों का सटीक जवाब देना चाहिए और गैरजरूरी बातें नहीं लिखनी चाहिए। निबंध लेखन के लिए खास तैयारी करने की जरूरत होती है। इसके लिए भाषा पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए।   

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