केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में खुलेंगे। इन स्कूलों के जरिए ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार मिले। साथ ही ड्रोन तकनीक का भी विकास और आत्म-निर्भरता में भरपूर इस्तेमाल हो।
करियर डेस्क. ग्वालियर के माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (MITS) में केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की पहल पर मध्यप्रदेश के पहले ड्रोन (drone) मेले का आयोजन किया गया। इस मेले में लगभग 20 कंपनियों ने अपने ड्रोन का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा किया कि मध्यप्रदेश के पांच जिलों में ड्रोन स्कूल (drone school) खोले जाएंगे।
मध्यप्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल खोले जायेंगे
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में खुलेंगे। इन स्कूलों के जरिए ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार मिले। साथ ही ड्रोन तकनीक का भी विकास और आत्म-निर्भरता में भरपूर इस्तेमाल हो। उन्होंने ग्वालियर के एमआईटीएस में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर खोलने की बात भी कही। इसके लिये एक कंपनी के साथ एमओयू भी साइन किया गया है। ड्रोन मेले में अन्य कंपनियों ने भी एमओयू किए हैं।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ड्रोन मेला ग्वालियर के लिये एक ऐतिहासिक दिन है। इसके माध्यम से हम नई क्रांति के साक्षी बने हैं। उन्होंने कहा कि आगे आने वाले समय में ड्रोन तकनीक से विश्व की अर्थ-व्यवस्था और जीवन में बड़े बदलाव आयेंगे। खुशी की बात है कि ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में मध्यप्रदेश देश का अव्वल राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच है कि ऐसी तकनीक हो जो जन-जन की जिंदगी में बदलाव लाए। प्रधानमंत्री की इसी मंशा के अनुरूप ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है।
रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य हर क्षेत्र में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हो रही है। यह तकनीक गरीबी को समृद्धि में तब्दील करने का साधन बनी है। साथ ही युवाओं के लिये विकास के नए अवसर लेकर आई है। आगे आने वाले समय में ड्रोन तकनीक से 3 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि ड्रोन तकनीक को बढ़ावा देने के लिये नियमों को आसान बनाया गया है। पहले जहां कंपनियों को 25 फार्म भरने पड़ते थे, वह संख्या घटाकर पांच कर दी गई है। लायसेंस की प्रक्रिया और पंजीकरण में स्पष्टता बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि सुलभ और सरल ड्रोन की प्रतिबद्धता के साथ सरकार काम कर रही है।
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