गूगल जैसी कंपनी में काम करना हर टेक प्रोफेशनल का सपना होता है। 21 साल की दिव्यांशी, जो बेंगलुरु में गूगल के ऑफिस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने हाल ही में अपनी दिनचर्या शेयर की। उनकी यह कहानी न केवल गूगल में काम करने के अनुभव को दर्शाती है, बल्कि दिखाती है कि कैसे यह कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए एक परफेक्ट माहौल तैयार करती है।
दिव्यांशी की सुबह करीब 9:30 बजे शुरू होती है। गूगल की इन-हाउस कैब सेवा, G-Cab, उनकी यात्रा को आसान बनाती है। बेंगलुरु के ट्रैफिक में फंसने की चिंता किए बिना, वह आराम से बागमाने टेक पार्क स्थित गूगल ऑफिस पहुंचती हैं, जिसे वह "बेहद खूबसूरत" बताती हैं।
ऑफिस पहुंचते ही, दिव्यांशी अपने दिन की शुरुआत नाश्ते से करती हैं। गूगल के हर बिल्डिंग में कई कैफे हैं, जहां अलग-अलग व्यंजन मिलते हैं। उनका पसंदीदा नाश्ता और गर्म चॉकलेट उनकी एनर्जी को चार्ज कर देते हैं।
दिव्यांशी का काम कभी धीमे डिजाइन प्रोजेक्ट्स पर होता है, तो कभी फुल-फोकस कोडिंग पर। उन्हें कोडिंग का काम सबसे ज्यादा पसंद है, क्योंकि इससे उन्हें प्रोडक्टिव महसूस होता है। बीच-बीच में, वह गूगल की खूबसूरत मीटिंग रूम्स में जरूरी मीटिंग्स में भाग लेती हैं।
हर बुधवार, गूगल में कर्मचारियों को आईसक्रीम ट्रीट मिलती है। इस बार दिव्यांशी ने बास्किन रॉबिन्स की कुकीज-एंड-क्रीम फ्लेवर का मजा लिया। साथ में अपनी पसंद के टॉपिंग्स भी। यह छोटा सा ब्रेक उनके दिन को खास बना देता है।
गूगल का एक अनोखा कॉन्सेप्ट है माइक्रो किचन, जहां हर 20 फीट की दूरी पर स्नैक्स और ड्रिंक्स मिलते हैं। यह कर्मचारियों को एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है।
काम खत्म करने के बाद, दिव्यांशी ऑफिस में थोड़ा रुकती हैं ताकि ट्रैफिक कम हो जाए। फिर G-Cab से आराम से घर लौटती हैं।
दिव्यांशी की कहानी गूगल के वर्कल्चर को दिखाती है, जहां काम के साथ-साथ आराम और खुशी का पूरा ध्यान रखा जाता है। फ्लेक्सिबल कम्यूट, स्वादिष्ट खाना, आईसक्रीम ब्रेक और क्रिएटिव माहौल—यह सब गूगल को एक आइडियल वर्कप्लेस बनाते हैं। क्या आप भी गूगल जैसे माहौल में काम करना चाहेंगे? सोचिए, काम और मजा का यह संतुलन आपकी लाइफ को कितना खास बना सकता है!
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